जमीन सर्वे का नया नियम: 50-60 साल से दाखिल-खारिज नहीं? आपके नाम पर नहीं होगा सर्वे Bihar Land Survey New Rule

Bihar Land Survey New Rule: बिहार में जमीन सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। इस सर्वे से जमीन विवादों को कम करने और भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करने की उम्मीद है। लेकिन इस प्रक्रिया को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। खासकर उन लोगों के लिए जिनकी जमीन का दाखिल-खारिज लंबे समय से नहीं हुआ है।

इस लेख में हम जमीन सर्वे के नए अपडेट के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही यह भी समझेंगे कि अगर आपकी जमीन का दाखिल-खारिज 50-60 साल से नहीं हुआ है तो क्या होगा। क्या ऐसी स्थिति में जमीन सर्वे आपके नाम पर होगा या नहीं? आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।

जमीन सर्वे क्या है?

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जमीन सर्वे एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सरकार किसी क्षेत्र की सभी जमीनों का विस्तृत सर्वेक्षण करती है। इसका मुख्य उद्देश्य है:

  • भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करना
  • जमीन की सही स्थिति का पता लगाना
  • भूमि विवादों को कम करना
  • सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे हटाना
  • राजस्व संग्रह में सुधार करना

बिहार में यह सर्वे 130 साल बाद किया जा रहा है। इससे पहले अंग्रेजों के समय 1890 में ऐसा सर्वे हुआ था।

जमीन सर्वे का नया अपडेट: प्रमुख बातें

विवरणजानकारी
सर्वे का दायरापूरे बिहार के 45,000 से अधिक गांव
शुरुआत की तारीख20 अगस्त, 2023
सर्वे का उद्देश्यभूमि रिकॉर्ड अपडेट और विवाद कम करना
जरूरी दस्तावेजखतियान, वंशावली, राजस्व रसीद आदि
समय सीमाकागजात जमा करने के लिए 3 महीने का समय
डिजिटलीकरणसभी रिकॉर्ड डिजिटल किए जाएंगे
विशेष ध्यानपुराने और विवादित मामलों पर फोकस

दाखिल-खारिज नहीं होने की स्थिति में क्या होगा?

अगर आपकी जमीन का दाखिल-खारिज 50-60 साल से नहीं हुआ है, तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन सरकार ने इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए कुछ प्रावधान किए हैं:

  • पुराने रिकॉर्ड की जांच: सर्वे टीम पुराने रिकॉर्ड की गहन जांच करेगी।
  • वंशावली का महत्व: आपको अपनी वंशावली प्रस्तुत करनी होगी जो जमीन के मालिकाना हक को साबित करे।
  • गवाहों का बयान: स्थानीय गवाहों के बयान भी लिए जा सकते हैं।
  • अतिरिक्त समय: ऐसे मामलों में कागजात जमा करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा सकता है।
  • विशेष कैंप: पुराने मामलों के लिए विशेष कैंप लगाए जा सकते हैं।

क्या जमीन सर्वे आपके नाम पर होगा?

यह एक जटिल सवाल है। अगर आपकी जमीन का दाखिल-खारिज लंबे समय से नहीं हुआ है, तो सर्वे में कुछ चुनौतियां हो सकती हैं:

  1. मौजूदा रिकॉर्ड: अगर मौजूदा सरकारी रिकॉर्ड में जमीन किसी और के नाम पर है, तो सर्वे उसी के नाम पर हो सकता है।
  2. वंशावली का प्रमाण: आपको अपनी वंशावली से यह साबित करना होगा कि जमीन आपके परिवार की है।
  3. कब्जे की स्थिति: अगर आप जमीन पर कब्जा रखे हुए हैं, तो यह आपके पक्ष में जा सकता है।
  4. विवाद की स्थिति: अगर जमीन पर कोई विवाद चल रहा है, तो सर्वे में इसका उल्लेख किया जाएगा।
  5. न्यायालय के आदेश: अगर कोई न्यायालय का आदेश है, तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी।

जमीन सर्वे के लिए जरूरी दस्तावेज

सर्वे के दौरान आपको निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखने चाहिए:

  • खतियान की कॉपी
  • वंशावली
  • राजस्व रसीद
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • जमीन से संबंधित कोई अन्य कागजात

सर्वे के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

  • समय पर पहुंचें: सर्वे टीम के आने पर समय पर मौजूद रहें।
  • सभी दस्तावेज रखें: सभी जरूरी कागजात एक फाइल में व्यवस्थित रखें।
  • सहयोग करें: सर्वे टीम को पूरा सहयोग दें और सही जानकारी दें।
  • विवाद से बचें: पड़ोसियों या अन्य दावेदारों से विवाद न करें।
  • अपडेट लेते रहें: सर्वे की प्रगति पर नजर रखें और नए अपडेट की जानकारी लेते रहें।

जमीन सर्वे के फायदे

  1. विवादों का समाधान: पुराने भूमि विवादों का समाधान हो सकेगा।
  2. स्पष्ट मालिकाना हक: जमीन के मालिक का नाम स्पष्ट हो जाएगा।
  3. डिजिटल रिकॉर्ड: सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएंगे, जिससे भविष्य में सुविधा होगी।
  4. सरकारी योजनाओं का लाभ: स्पष्ट रिकॉर्ड होने से सरकारी योजनाओं का लाभ लेना आसान होगा।
  5. अवैध कब्जे हटेंगे: सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे हटाए जा सकेंगे।

सरकार की तरफ से आश्वासन

बिहार सरकार ने जमीन सर्वे को लेकर कुछ महत्वपूर्ण आश्वासन दिए हैं:

  • किसी भी व्यक्ति की जमीन नहीं छीनी जाएगी।
  • पुराने रिकॉर्ड और मौजूदा स्थिति दोनों को ध्यान में रखा जाएगा।
  • विवादित मामलों में न्यायालय के आदेशों का पालन किया जाएगा।
  • लोगों को अपने दस्तावेज जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।
  • सर्वे प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाएगा।

निष्कर्ष

जमीन सर्वे एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो बिहार के भूमि रिकॉर्ड को आधुनिक और व्यवस्थित बनाएगी। हालांकि इसमें कुछ चुनौतियां हैं, लेकिन सरकार इन्हें दूर करने के लिए प्रयासरत है। अगर आपकी जमीन का दाखिल-खारिज लंबे समय से नहीं हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ऐसे मामलों पर विशेष ध्यान दे रही है।

याद रखें, सर्वे का मुख्य उद्देश्य लोगों की जमीन छीनना नहीं, बल्कि भूमि रिकॉर्ड को सही करना है। इसलिए सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस प्रक्रिया में सहयोग करें और अपने सभी दस्तावेज तैयार रखें। यह सर्वे न केवल वर्तमान के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद होगा।

Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। हालांकि जमीन सर्वे एक वास्तविक प्रक्रिया है, लेकिन इसके नियम और प्रक्रियाएं समय-समय पर बदल सकती हैं। किसी भी कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई के लिए कृपया स्थानीय राजस्व विभाग या कानूनी सलाहकार से संपर्क करें। लेख में दी गई जानकारी के आधार पर कोई कानूनी कार्रवाई न करें। हमेशा नवीनतम सरकारी निर्देशों और आदेशों का पालन करें।

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