Retirement Age Hike: क्या सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई? पूरी जानकारी यहां!

रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का मुद्दा भारत में काफी समय से चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में, सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हुआ कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़ाकर 62 साल कर दी है। यह खबर तेजी से फैली और लोगों के बीच इस पर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसका स्वागत किया तो कुछ ने इसका विरोध भी किया।

लेकिन क्या वाकई में सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा दी है? इस फैसले के पीछे क्या कारण हो सकते हैं? इसका क्या असर होगा सरकारी कर्मचारियों और देश की अर्थव्यवस्था पर? आइए इस पूरे मुद्दे को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां।

Retirement Age in India: An Overview

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भारत में रिटायरमेंट की उम्र अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग है। आइए एक नजर डालते हैं भारत में विभिन्न क्षेत्रों में रिटायरमेंट की वर्तमान उम्र पर:

क्षेत्ररिटायरमेंट की उम्र
केंद्र सरकारी कर्मचारी60 साल
राज्य सरकारी कर्मचारी58-60 साल (राज्य के अनुसार अलग-अलग)
प्राइवेट सेक्टर58-60 साल (कंपनी के नियम के अनुसार)
सुप्रीम कोर्ट जज65 साल
हाई कोर्ट जज62 साल
सेना (आर्मी)54-58 साल (रैंक के अनुसार)
वायु सेना60 साल
नौसेना56 साल

क्या सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई है?

हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए दावे के अनुसार, केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़ाकर 62 साल कर दी है। लेकिन यह दावा पूरी तरह से गलत है। सरकार ने अभी तक रिटायरमेंट की उम्र में कोई बदलाव नहीं किया है।

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस खबर को फेक न्यूज बताया है। PIB ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर स्पष्ट किया है कि सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है।

इसके अलावा, अगस्त 2023 में सरकार ने लोकसभा में भी यह स्पष्ट किया था कि केंद्र सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बदलने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के पीछे क्या हो सकते हैं कारण?

हालांकि सरकार ने अभी रिटायरमेंट की उम्र नहीं बढ़ाई है, लेकिन भविष्य में ऐसा हो सकता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:

  1. बढ़ती जीवन प्रत्याशा: भारत में औसत जीवन प्रत्याशा 1998 से 2020 के बीच 61.7 से बढ़कर 70.1 साल हो गई है। ऐसे में 60 साल की उम्र में रिटायर होने वाले लोगों को लगभग एक दशक तक रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अलावा कोई स्थिर आय का स्रोत नहीं होता।
  2. आर्थिक बोझ: पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स का सरकार पर बढ़ता आर्थिक बोझ।
  3. अनुभवी कर्मचारियों को बनाए रखना: अनुभवी और कुशल कर्मचारियों को लंबे समय तक काम पर रखने के लिए।
  4. वैश्विक रुझान: कई देशों में रिटायरमेंट की उम्र 65-67 साल है।
  5. युवा बेरोजगारी: युवाओं के लिए नौकरियों की कमी के कारण वरिष्ठ कर्मचारियों को लंबे समय तक काम पर रखना।

रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के फायदे और नुकसान

फायदे:

  1. कर्मचारियों को लंबे समय तक स्थिर आय का स्रोत मिलेगा।
  2. EPF कॉर्पस में अधिक धन जमा करने का मौका मिलेगा।
  3. सरकार पर पेंशन का बोझ कम होगा।
  4. अनुभवी कर्मचारियों का ज्ञान और कौशल लंबे समय तक उपलब्ध रहेगा।

नुकसान:

  1. युवाओं के लिए नौकरी के अवसर कम हो सकते हैं।
  2. वरिष्ठ कर्मचारियों की उत्पादकता कम हो सकती है।
  3. सरकार पर वेतन का बोझ बढ़ सकता है।
  4. कर्मचारियों को रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने में देरी हो सकती है।

विभिन्न राज्यों में रिटायरमेंट की उम्र

भारत के विभिन्न राज्यों में रिटायरमेंट की उम्र अलग-अलग है:

  • तेलंगाना: राज्य सरकार रिटायरमेंट की उम्र 65 साल करने पर विचार कर रही है।
  • आंध्र प्रदेश: यहां रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है।
  • तमिलनाडु: 59 साल
  • केरल: 56 साल
  • उत्तर प्रदेश: 60 साल

प्राइवेट सेक्टर में रिटायरमेंट की उम्र

प्राइवेट सेक्टर में रिटायरमेंट की उम्र आमतौर पर 58-60 साल के बीच होती है। लेकिन यह कंपनी के नियमों पर निर्भर करता है। कुछ कंपनियां रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा रही हैं तो कुछ कम कर रही हैं:

  • JP Morgan: 2022 में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई
  • Tech Mahindra: 2015 में रिटायरमेंट की उम्र घटाकर 55 साल की

रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विभिन्न विचार

रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के मुद्दे पर अलग-अलग लोगों के अलग-अलग विचार हैं:

  1. सरकारी कर्मचारी: कुछ कर्मचारी इसका स्वागत करते हैं क्योंकि उन्हें लंबे समय तक काम करने का मौका मिलेगा। लेकिन कुछ का मानना है कि इससे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने में देरी होगी।
  2. युवा: बहुत से युवाओं का मानना है कि इससे उनके लिए नौकरी के अवसर कम हो जाएंगे।
  3. आर्थिक विशेषज्ञ: कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सरकार पर पेंशन का बोझ कम होगा। लेकिन कुछ का कहना है कि इससे वेतन पर खर्च बढ़ेगा।
  4. सेना के अधिकारी: सेना में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव का कई अधिकारियों ने विरोध किया था। उनका कहना था कि इससे सेना को “युवा और लड़ाकू” रखने का विचार खत्म हो जाएगा।

रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर संसदीय समिति की सिफारिश

संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति ने अपनी 22वीं रिपोर्ट में केंद्र सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़ाकर 62 साल करने का प्रस्ताव रखा है। समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि भविष्य में इसे चरणबद्ध तरीके से 65 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया है।

रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  1. भारत में फिलहाल रिटायरमेंट की उम्र दुनिया के कई देशों की तुलना में कम है।
  2. अमेरिका में पूर्ण रिटायरमेंट की उम्र 1955 में पैदा हुए लोगों के लिए 66 साल और 2 महीने है। 1960 या उसके बाद पैदा हुए लोगों के लिए यह धीरे-धीरे बढ़कर 67 साल हो जाएगी।
  3. भारत में 5वें वेतन आयोग ने 1998 में केंद्र सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 साल करने की सिफारिश की थी।
  4. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र पहले 60 साल थी। 1963 में 15वें संविधान संशोधन के बाद इसे बढ़ाकर क्रमशः 65 और 62 साल कर दिया गया।
  5. न्याय विभाग ने हाल ही में एक प्रस्तुति में स्पष्ट किया है कि फिलहाल हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र बदलने पर कोई विचार नहीं है।

Disclaimer:

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी 2 मार्च, 2025 तक की स्थिति के अनुसार है। रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के बारे में सोशल मीडिया पर फैली खबरें अफवाह हैं। सरकार ने अभी तक केंद्र सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र में कोई बदलाव नहीं किया है। किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले कृपया सरकारी वेबसाइटों या अधिकृत स्रोतों से नवीनतम और सटीक जानकारी प्राप्त करें।

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