Land Survey Bihar Latest Update: बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू हो गया है। यह सर्वे राज्य के 45 हजार से ज्यादा गांवों में किया जाएगा। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करना और ज्यादा पारदर्शी बनाना है। इससे जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने और असली मालिकों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
सरकार इस सर्वे के जरिए यह भी पता लगाना चाहती है कि कितनी जमीन सरकारी है और उस पर किसका कब्जा है। यह सर्वे गरीबों को घर बनाने के लिए जमीन देने में भी मदद करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस सर्वे को एक साल के अंदर पूरा कर लिया जाए।
जमीन सर्वे की जरूरत क्यों पड़ी?
जमीन सर्वे की जरूरत कई कारणों से पड़ी है:
- पुराने रिकॉर्ड: आजादी के बाद से बिहार में सिर्फ एक बार 1960 के दशक में जमीन का सर्वे हुआ था। वह भी पूरी तरह से सभी जगह नहीं हो पाया था।
- विवादों का बढ़ना: जमीन के बंटवारे और कब्जे को लेकर विवाद बढ़ते जा रहे थे।
- सरकारी जमीन का पता लगाना: सरकार के पास यह जानकारी नहीं थी कि कितनी जमीन सरकारी है और उस पर किसका कब्जा है।
- गरीबों को जमीन देना: सरकार गरीबों को घर बनाने के लिए जमीन देना चाहती है, लेकिन उपलब्ध जमीन की सही जानकारी नहीं थी।
- डिजिटल रिकॉर्ड: सरकार जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना चाहती है, ताकि भविष्य में इसे आसानी से अपडेट किया जा सके।
जमीन सर्वे की मुख्य बातें
विवरण | जानकारी |
सर्वे का नाम | बिहार विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त |
शुरू होने की तारीख | 20 अगस्त, 2024 |
कवर किए जाने वाले गांव | 45,000 से अधिक |
सर्वे का उद्देश्य | जमीन रिकॉर्ड अपडेट और पारदर्शी बनाना |
सर्वे की अवधि | लगभग 1 साल |
आवेदन का तरीका | ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों |
जरूरी दस्तावेज | स्व-घोषणा पत्र, जमाबंदी रजिस्टर, लगान रसीद, आदि |
सर्वे के बाद | खतियान का ड्राफ्ट प्रकाशित होगा |
अंतिम चरण | आपत्तियों के निपटारे के बाद फाइनल पब्लिकेशन |
जमीन सर्वे में भाग लेने का तरीका
जमीन सर्वे में भाग लेने के लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:
- ऑनलाइन आवेदन:
- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट (dlrs.bihar.gov.in) पर जाएं
- बिहार सर्वे ट्रैकर मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और उसका इस्तेमाल करें
- ऑफलाइन आवेदन:
- अपने गांव में आयोजित होने वाले कैंप में जाकर फॉर्म जमा करें
- अंचल सर्वेक्षण कार्यालय में जाकर फॉर्म जमा करें
जमीन सर्वे के लिए जरूरी दस्तावेज
सर्वे में भाग लेने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज तैयार रखने होंगे:
- स्व-घोषणा पत्र (प्रपत्र 2)
- जमाबंदी रजिस्टर
- लगान रसीद
- एलपीसी (Land Possession Certificate)
- वसीयत (अगर है तो)
- दान या विनिमय के कागजात (अगर हैं तो)
- खतियान
- वंशावली (प्रपत्र 3-1)
- बंटवारा के कागजात (अगर हुआ है तो)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड
जमीन सर्वे की प्रक्रिया
जमीन सर्वे की प्रक्रिया कई चरणों में होगी:
- ग्राम सभा का आयोजन: हर गांव में ग्राम सभा होगी जहां लोगों को सर्वे के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- फॉर्म भरना: लोगों को अपनी जमीन की जानकारी देते हुए फॉर्म भरना होगा।
- दस्तावेज जमा करना: सभी जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे।
- सर्वेक्षण: सर्वेक्षण पदाधिकारी जमीन का निरीक्षण करेंगे और आसपास के लोगों से पूछताछ करेंगे।
- ड्राफ्ट खतियान: सर्वे के बाद एक ड्राफ्ट खतियान तैयार किया जाएगा।
- आपत्तियां और सुझाव: लोग ड्राफ्ट खतियान पर अपनी आपत्तियां और सुझाव दे सकेंगे।
- सुनवाई: आपत्तियों पर सुनवाई होगी।
- फाइनल पब्लिकेशन: सभी आपत्तियों के निपटारे के बाद फाइनल खतियान प्रकाशित किया जाएगा।
खोई हुई जमीन वापस पाने का तरीका
अगर आपकी जमीन किसी और के कब्जे में है, तो सर्वे के दौरान आप उसे वापस पाने की कोशिश कर सकते हैं:
- सभी दस्तावेज जुटाएं: अपनी जमीन से संबंधित सभी पुराने दस्तावेज इकट्ठा करें।
- स्व-घोषणा पत्र में दावा करें: फॉर्म भरते समय स्व-घोषणा पत्र में अपनी जमीन का पूरा विवरण दें।
- गवाह जुटाएं: अपने दावे के समर्थन में गांव के पुराने लोगों को गवाह के रूप में तैयार रखें।
- सर्वेक्षण पदाधिकारी से मिलें: जब सर्वेक्षण पदाधिकारी आपके गांव आएं, तो उनसे मिलकर अपना पक्ष रखें।
- ग्राम सभा में हिस्सा लें: ग्राम सभा में जरूर जाएं और वहां अपना दावा पेश करें।
- आपत्ति दर्ज कराएं: अगर ड्राफ्ट खतियान में आपकी जमीन का गलत रिकॉर्ड हो, तो समय पर आपत्ति दर्ज कराएं।
- कानूनी सहायता लें: अगर जरूरत पड़े तो किसी वकील की मदद लें।
जमीन सर्वे से होने वाले फायदे
इस जमीन सर्वे से कई फायदे होंगे:
- विवादों में कमी: जमीन से जुड़े विवाद कम होंगे।
- सही मालिक की पहचान: हर जमीन के सही मालिक का पता चल जाएगा।
- सरकारी जमीन की पहचान: यह पता चल जाएगा कि कौन सी जमीन सरकारी है और उस पर किसका कब्जा है।
- गरीबों को मदद: सरकार गरीबों को घर बनाने के लिए आसानी से जमीन दे सकेगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड: जमीन का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएगा, जिससे भविष्य में काम आसान होगा।
- पारदर्शिता: जमीन से जुड़े सभी लेन-देन में पारदर्शिता आएगी।
- आधुनिकीकरण: पुराने रिकॉर्ड अपडेट हो जाएंगे और आधुनिक तरीके से रखे जाएंगे।
जमीन सर्वे में ध्यान देने योग्य बातें
- समय पर भागीदारी: सर्वे में समय पर हिस्सा लें। देरी करने से आपको नुकसान हो सकता है।
- सही जानकारी दें: फॉर्म भरते समय सभी जानकारी सही-सही दें। गलत जानकारी देने से आपको परेशानी हो सकती है।
- सभी दस्तावेज जमा करें: जितने भी दस्तावेज मांगे गए हैं, उन सभी को जमा करें।
- वंशावली तैयार रखें: अपने परिवार की वंशावली पहले से तैयार रखें। यह बहुत जरूरी दस्तावेज है।
- म्यूटेशन करा लें: अगर आपकी जमीन का म्यूटेशन नहीं हुआ है, तो जल्दी से करा लें।
- पारिवारिक बंटवारा: अगर परिवार में जमीन का बंटवारा बाकी है, तो उसे भी पूरा कर लें।
- आपत्तियों पर नजर रखें: ड्राफ्ट खतियान जारी होने पर उसे ध्यान से देखें और कोई गलती हो तो तुरंत आपत्ति दर्ज कराएं।
Disclaimer: यह लेख जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सही और अद्यतन है, लेकिन यह कानूनी सलाह नहीं है। किसी भी विवाद या समस्या के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना आवश्यक है। सर्वेक्षण प्रक्रिया और इसके परिणामों में बदलाव हो सकते हैं। कृपया अपनी स्थिति के अनुसार उचित कदम उठाएं और विशेषज्ञ की सलाह लें।