फर्जी जमीन से बचें! प्लॉट खरीदने से पहले इन डॉक्यूमेंट्स की जांच जरूर करें

जमीन या प्लॉट खरीदना एक बड़ा निवेश होता है। लेकिन कई बार लोग फर्जी रजिस्ट्री या धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए जमीन खरीदने से पहले सभी जरूरी दस्तावेजों की अच्छी तरह जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि जमीन या प्लॉट खरीदते समय किन-किन डॉक्यूमेंट्स को चेक करना चाहिए और फर्जी रजिस्ट्री की पहचान कैसे करें।

जमीन खरीदना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई कानूनी पहलू शामिल होते हैं। बिना सही जानकारी के जमीन खरीदने पर आप बड़े नुकसान का शिकार हो सकते हैं। इसलिए सही दस्तावेजों की जांच करके ही कोई प्रॉपर्टी खरीदनी चाहिए। आइए जानते हैं कि जमीन खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

जमीन और प्लॉट खरीदने से पहले जरूरी डॉक्यूमेंट्स की जांच

Advertisement

जमीन या प्लॉट खरीदने से पहले निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच करना आवश्यक है:

डॉक्यूमेंटविवरण
टाइटल डीडजमीन के मालिकाना हक का प्रमाण
रजिस्ट्रीजमीन की कानूनी रजिस्ट्री
खतौनीजमीन का राजस्व रिकॉर्ड
नक्शाजमीन का सर्वे नंबर और सीमाएं
एनकंबरेंस सर्टिफिकेटजमीन पर किसी ऋण या विवाद का प्रमाण
NOCविभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र
टैक्स रसीदेंसंपत्ति कर भुगतान का प्रमाण
चेन ऑफ टाइटलपिछले मालिकों का रिकॉर्ड

टाइटल डीड की जांच

टाइटल डीड जमीन के मालिकाना हक का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसमें निम्न बातें चेक करें:

  • टाइटल डीड विक्रेता के नाम पर होना चाहिए
  • डीड पर सभी आवश्यक हस्ताक्षर और मुहर होनी चाहिए
  • डीड में जमीन का सही विवरण और सीमाएं दर्ज होनी चाहिए
  • किसी भी तरह की कांट-छांट या बदलाव नहीं होना चाहिए

रजिस्ट्री और खतौनी की जांच

रजिस्ट्री और खतौनी दो अलग-अलग दस्तावेज हैं। रजिस्ट्री जमीन की कानूनी बिक्री का प्रमाण है, जबकि खतौनी राजस्व रिकॉर्ड है। इनमें निम्न बातें चेक करें:

  • रजिस्ट्री और खतौनी दोनों में जमीन का विवरण मेल खाना चाहिए
  • खतौनी में जमीन का वर्तमान मालिक का नाम दर्ज होना चाहिए
  • रजिस्ट्री की तारीख और नंबर नोट करें
  • पुरानी रजिस्ट्रियों की भी जांच करें ताकि पूरा चेन ऑफ टाइटल पता चल सके

नक्शे और सर्वे नंबर की जांच

जमीन का नक्शा और सर्वे नंबर बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनसे जमीन की सही लोकेशन और सीमाएं पता चलती हैं। इनमें निम्न बातें चेक करें:

  • नक्शे में दिखाई गई जमीन की सीमाएं मौके पर जाकर मिलान करें
  • सर्वे नंबर और उप-विभाजन नंबर नोट करें
  • नक्शे में दिखाए गए रास्ते और पड़ोसी प्लॉट्स की जानकारी लें

एनकंबरेंस सर्टिफिकेट की जांच

एनकंबरेंस सर्टिफिकेट से पता चलता है कि जमीन पर कोई ऋण या विवाद तो नहीं है। इसमें निम्न बातें चेक करें:

  • सर्टिफिकेट की तारीख नई होनी चाहिए (3 महीने से पुराना न हो)
  • जमीन पर किसी बैंक लोन का उल्लेख न हो
  • कोई कानूनी विवाद या मुकदमा दर्ज न हो
  • किसी तीसरे पक्ष का दावा न हो

NOC और अन्य अनुमतियों की जांच

विभिन्न विभागों से NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) और अन्य अनुमतियां जरूरी हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • नगर निगम या ग्राम पंचायत से NOC
  • पर्यावरण विभाग से NOC (यदि आवश्यक हो)
  • बिजली और पानी कनेक्शन की अनुमति
  • निर्माण की अनुमति (अगर कोई इमारत बनी हो)

टैक्स रसीदों की जांच

जमीन का संपत्ति कर नियमित रूप से भरा गया हो, यह सुनिश्चित करें। इसके लिए:

  • पिछले 3-5 साल की टैक्स रसीदें चेक करें
  • किसी भी बकाया टैक्स की जानकारी लें
  • टैक्स रसीदों पर जमीन का सही विवरण हो

चेन ऑफ टाइटल की जांच

चेन ऑफ टाइटल से जमीन के पिछले मालिकों का पता चलता है। इसमें:

  • पिछले 30 साल की सभी बिक्री के दस्तावेज चेक करें
  • हर बिक्री में कानूनी प्रक्रिया का पालन हुआ हो
  • किसी भी अवैध हस्तांतरण की जांच करें

सरकारी रिकॉर्ड्स की जांच

सरकारी कार्यालयों में जमीन के रिकॉर्ड्स की जांच करना भी जरूरी है:

  • तहसील कार्यालय में जमीन का रिकॉर्ड चेक करें
  • रेवेन्यू रिकॉर्ड में जमीन का वर्गीकरण देखें (कृषि/गैर-कृषि)
  • किसी सरकारी परियोजना के लिए अधिग्रहण तो नहीं हो रहा

फर्जी रजिस्ट्री की पहचान कैसे करें

फर्जी रजिस्ट्री से बचने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:

  • रजिस्ट्री कार्यालय में जाकर रजिस्ट्री की पुष्टि करें
  • पुरानी रजिस्ट्रियों का पूरा चेन चेक करें
  • रजिस्ट्री पर सभी जरूरी हस्ताक्षर और मुहर हों
  • रजिस्ट्री की भाषा और फॉर्मेट सरकारी मानकों के अनुसार हो
  • किसी भी संदिग्ध बदलाव या कांट-छांट की जांच करें

चकबंदी अभिलेख की जांच

चकबंदी अभिलेख 41-45 जमीन की वास्तविक स्थिति बताते हैं। इनसे पता चलता है:

  • जमीन का वर्गीकरण (निजी/सरकारी/वन भूमि आदि)
  • जमीन का उपयोग (कृषि/आवासीय/वाणिज्यिक)
  • किसी विभाग के अधीन तो नहीं है (जैसे रेलवे या वन विभाग)

कानूनी विवादों की जांच

जमीन पर किसी कानूनी विवाद की जांच करना बहुत जरूरी है:

  • स्थानीय कोर्ट में जमीन से संबंधित केस की जांच करें
  • तहसील कार्यालय से जमीन पर कोई विवाद तो नहीं है, पूछें
  • पड़ोसियों से जमीन के बारे में जानकारी लें

बैंक लोन की जांच

अगर जमीन पर कोई बैंक लोन है तो उसकी जानकारी लें:

  • बैंक से संपर्क करके लोन की स्थिति पूछें
  • लोन चुकाने का प्रमाण मांगें
  • नए मालिक के नाम पर लोन ट्रांसफर की प्रक्रिया समझें

FSI और निर्माण नियमों की जांच

अगर आप जमीन पर निर्माण करना चाहते हैं तो निम्न बातें चेक करें:

  • स्थानीय निकाय से FSI (Floor Space Index) की जानकारी लें
  • निर्माण के लिए अनुमत ऊंचाई और कवरेज एरिया पता करें
  • किसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र (जैसे हवाई अड्डे के पास) की जानकारी लें

पावर ऑफ अटॉर्नी की जांच

अगर विक्रेता पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए जमीन बेच रहा है तो:

  • पावर ऑफ अटॉर्नी की वैधता की जांच करें
  • असल मालिक से संपर्क करके पुष्टि करें
  • पावर ऑफ अटॉर्नी में दी गई शक्तियों को समझें

विक्रेता की पहचान की जांच

जमीन बेचने वाले व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करें:

  • विक्रेता का आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि चेक करें
  • फोटो पहचान पत्र की कॉपी रखें
  • विक्रेता का बैंक खाता विवरण लें

स्थानीय निरीक्षण

जमीन का स्थानीय निरीक्षण जरूर करें:

  • मौके पर जाकर जमीन की सीमाओं का मिलान करें
  • पड़ोसियों और स्थानीय लोगों से जमीन के बारे में पूछें
  • जमीन तक पहुंच के रास्ते और बुनियादी सुविधाओं की जांच करें

Disclaimer:

यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। हर जमीन या प्लॉट खरीद अलग होती है। कृपया कोई भी कानूनी या वित्तीय निर्णय लेने से पहले योग्य पेशेवरों से सलाह लें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। अपनी परिस्थितियों के अनुसार सावधानीपूर्वक निर्णय लें।

Advertisement
Advertisement

Leave a Comment

Join Whatsapp