घर बैठे निकालें जमीन का केवाला और डीड, फॉलो करें ये आसान स्टेप्स

जमीन का केवाला और डीड महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं जो आपकी संपत्ति के कानूनी स्वामित्व को प्रमाणित करते हैं। पहले इन दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब तकनीकी प्रगति के साथ यह प्रक्रिया काफी सरल हो गई है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप घर बैठे ही अपनी जमीन का केवाला और डीड ऑनलाइन निकाल सकते हैं।

इस लेख में हम आपको स्टेप-बाय-स्टेप गाइड प्रदान करेंगे जिससे आप आसानी से अपने जमीन के दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, हम इस प्रक्रिया से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां और सावधानियां भी साझा करेंगे। तो आइए शुरू करते हैं और जानते हैं कैसे आप घर बैठे ही अपनी जमीन का केवाला और डीड निकाल सकते हैं।

जमीन का केवाला और डीड क्या होते हैं?

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जमीन का केवाला, जिसे अंग्रेजी में Sale Deed भी कहा जाता है, एक कानूनी दस्तावेज है जो संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण को प्रमाणित करता है। यह दस्तावेज विक्रेता से क्रेता को संपत्ति के अधिकारों के हस्तांतरण का प्रमाण है। केवाला में निम्नलिखित जानकारियां शामिल होती हैं:

  • क्रेता और विक्रेता का नाम और पता
  • संपत्ति का विवरण (खसरा नंबर, खाता नंबर, प्लॉट नंबर आदि)
  • संपत्ति की कीमत
  • लेनदेन की तारीख
  • संपत्ति की चौहद्दी (सीमाएं)
  • गवाहों के नाम और हस्ताक्षर

डीड भी एक कानूनी दस्तावेज है जो संपत्ति के स्वामित्व को दर्शाता है। यह केवाला का ही एक रूप है, लेकिन इसमें कुछ अतिरिक्त विवरण भी शामिल हो सकते हैं।

जमीन का केवाला और डीड ऑनलाइन निकालने की प्रक्रिया: एक नजर में

क्रम संख्याप्रक्रिया के चरण
1ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं
2यूजर रजिस्ट्रेशन करें
3लॉगिन करें
4आवश्यक जानकारी भरें
5फीस का भुगतान करें
6दस्तावेज डाउनलोड करें
7प्रिंट आउट लें
8सत्यापन करवाएं (यदि आवश्यक हो)

स्टेप 1: ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं

सबसे पहले आपको अपने राज्य के भूमि अभिलेख विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। उदाहरण के लिए, बिहार के लिए यह वेबसाइट है: bhumijankari.bihar.gov.in

स्टेप 2: यूजर रजिस्ट्रेशन

  • वेबसाइट के होमपेज पर “New User Registration” या “Sign Up” का विकल्प चुनें।
  • अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और अन्य आवश्यक जानकारी भरें।
  • एक मजबूत पासवर्ड चुनें।
  • OTP वेरिफिकेशन पूरा करें।
  • रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें।

स्टेप 3: लॉगिन करें

  • रजिस्ट्रेशन के बाद, अपने नए यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करें।

स्टेप 4: आवश्यक जानकारी भरें

  • “Document Search” या “Property Details” जैसे विकल्प चुनें।
  • अपनी जमीन से संबंधित निम्नलिखित जानकारी भरें:
    • जिला
    • तहसील/अंचल
    • मौजा/गांव का नाम
    • खाता संख्या
    • खसरा संख्या
    • प्लॉट नंबर (यदि उपलब्ध हो)

स्टेप 5: फीस का भुगतान करें

  • जानकारी भरने के बाद, आपको केवाला या डीड डाउनलोड करने के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा।
  • शुल्क राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, बिहार में यह शुल्क ₹600 है।
  • ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के माध्यम से क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग से भुगतान करें।

स्टेप 6: दस्तावेज डाउनलोड करें

  • भुगतान सफल होने के बाद, आपको केवाला या डीड डाउनलोड करने का विकल्प मिलेगा।
  • “Download” बटन पर क्लिक करें।
  • दस्तावेज PDF फॉर्मेट में डाउनलोड हो जाएगा।

स्टेप 7: प्रिंट आउट लें

  • डाउनलोड किए गए PDF को सेव करें और उसका प्रिंट आउट लें।
  • यह प्रिंटेड कॉपी आपके पास रखें, यह कई कानूनी और प्रशासनिक कार्यों में उपयोगी होगी।

स्टेप 8: सत्यापन करवाएं (यदि आवश्यक हो)

  • कुछ मामलों में, आपको इस डाउनलोड किए गए दस्तावेज को स्थानीय राजस्व कार्यालय से सत्यापित करवाना पड़ सकता है।
  • यदि ऐसा है, तो अपने नजदीकी राजस्व कार्यालय में जाकर दस्तावेज का सत्यापन करवा लें।

केवाला और डीड में क्या अंतर है?

केवाला और डीड दोनों ही संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज हैं, लेकिन इनमें कुछ मुख्य अंतर हैं:

  1. प्रकृति:
    • केवाला (Sale Deed) एक बिक्री समझौता है जो संपत्ति के हस्तांतरण को दर्शाता है।
    • डीड एक व्यापक शब्द है जो कई प्रकार के कानूनी दस्तावेजों को संदर्भित कर सकता है।
  2. उद्देश्य:
    • केवाला विशेष रूप से संपत्ति की बिक्री को दर्शाता है।
    • डीड कई उद्देश्यों के लिए हो सकती है, जैसे उपहार, किराया, या बंधक।
  3. विवरण:
    • केवाला में संपत्ति की बिक्री से संबंधित विशिष्ट जानकारी होती है।
    • डीड में संपत्ति के स्वामित्व या उपयोग से संबंधित विस्तृत जानकारी हो सकती है।

केवाला और डीड निकालते समय ध्यान देने योग्य बातें

  1. सही जानकारी दर्ज करें: गलत जानकारी भरने से आपका दस्तावेज डाउनलोड नहीं हो पाएगा या गलत दस्तावेज डाउनलोड हो सकता है।
  2. इंटरनेट कनेक्शन: सुनिश्चित करें कि आपके पास स्थिर इंटरनेट कनेक्शन है ताकि प्रक्रिया के बीच में कोई बाधा न आए।
  3. समय सीमा: कुछ राज्यों में डाउनलोड लिंक कुछ समय के लिए ही वैध रहती है। इसलिए दस्तावेज तुरंत डाउनलोड कर लें।
  4. गोपनीयता: अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स किसी के साथ साझा न करें।
  5. अपडेटेड जानकारी: सुनिश्चित करें कि आपके पास संपत्ति की नवीनतम जानकारी है।
  6. फीस का भुगतान: शुल्क का भुगतान करते समय सावधानी बरतें और रसीद जरूर सेव करें।
  7. बैकअप रखें: डाउनलोड किए गए दस्तावेज की डिजिटल और प्रिंटेड कॉपी दोनों रखें।

केवाला और डीड की उपयोगिता

  1. कानूनी प्रमाण: ये दस्तावेज आपके संपत्ति के स्वामित्व का कानूनी प्रमाण हैं।
  2. बैंक लोन: संपत्ति पर लोन लेने के लिए ये दस्तावेज आवश्यक हैं।
  3. बिक्री: यदि आप संपत्ति बेचना चाहते हैं, तो इन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
  4. विवाद निपटान: संपत्ति संबंधी किसी भी विवाद में ये दस्तावेज महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं।
  5. सरकारी कार्य: कई सरकारी कार्यों और योजनाओं के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. क्या पुराने केवाले और डीड भी ऑनलाइन उपलब्ध हैं?
    हां, कई राज्यों ने पुराने रिकॉर्ड्स को भी डिजिटाइज कर दिया है। लेकिन कुछ बहुत पुराने रिकॉर्ड्स ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हो सकते हैं।
  2. क्या ऑनलाइन निकाले गए दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य हैं?
    हां, ये दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य हैं। लेकिन कुछ मामलों में आपको इन्हें स्थानीय राजस्व कार्यालय से सत्यापित करवाना पड़ सकता है।
  3. अगर मेरे पास इंटरनेट नहीं है तो क्या करूं?
    आप नजदीकी साइबर कैफे या जन सेवा केंद्र पर जाकर यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

Disclaimer:

यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। प्रत्येक राज्य में भूमि अभिलेख और दस्तावेज प्राप्ति की प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है। वास्तविक प्रक्रिया और आवश्यकताएं स्थानीय नियमों के अनुसार भिन्न हो सकती हैं।

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