पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हर दिन सुबह 6 बजे तेल कंपनियां नए रेट जारी करती हैं। आज 17 जनवरी 2025 को भी नए रेट जारी किए गए हैं। आम आदमी के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि उसके शहर में पेट्रोल-डीजल के दाम क्या हैं। इससे वो अपना बजट बना सकता है और अपनी जरूरतों के हिसाब से खर्च कर सकता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आज देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के क्या रेट हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि इन कीमतों का निर्धारण कैसे होता है और इनमें किन-किन चीजों का योगदान होता है। तो आइए शुरू करते हैं और जानते हैं आज के ताजा रेट।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें क्या हैं?
आज 17 जनवरी 2025 को देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
शहर | पेट्रोल की कीमत (रुपये/लीटर) | डीजल की कीमत (रुपये/लीटर) |
दिल्ली | 94.77 | 87.67 |
मुंबई | 103.50 | 90.03 |
कोलकाता | 105.01 | 91.82 |
चेन्नई | 100.80 | 92.39 |
बेंगलुरु | 102.55 | 88.66 |
हैदराबाद | 107.46 | 95.70 |
पेट्रोल-डीजल की कीमतों का निर्धारण कैसे होता है?
पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण कई कारकों पर निर्भर करता है। इनमें से प्रमुख हैं:
- अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें: भारत अपनी जरूरत का लगभग 80% कच्चा तेल आयात करता है। इसलिए जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत में भी पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाता है।
- रुपये की कीमत: डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत भी पेट्रोल-डीजल के दाम को प्रभावित करती है। अगर रुपया कमजोर होता है, तो तेल आयात महंगा हो जाता है।
- टैक्स: केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट लगाती हैं। ये टैक्स कीमतों का एक बड़ा हिस्सा होते हैं।
- रिफाइनिंग और मार्केटिंग कॉस्ट: कच्चे तेल को रिफाइन करने और फिर उसे पेट्रोल पंपों तक पहुंचाने में जो खर्च आता है, वो भी कीमतों में जुड़ जाता है।
डेली प्राइस रिवीजन क्या है?
जून 2017 से भारत में डेली प्राइस रिवीजन सिस्टम लागू किया गया है। इसके तहत:
- हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें जारी होती हैं।
- ये कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तय होती हैं।
- इससे पहले 15-15 दिन में कीमतें बदलती थीं।
- इस सिस्टम से तेल कंपनियों को फायदा होता है क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय कीमतों के हिसाब से तुरंत अपने रेट बदल सकती हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में टैक्स का हिस्सा कितना है?
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में टैक्स का हिस्सा काफी ज्यादा होता है। आइए जानते हैं कि एक लीटर पेट्रोल या डीजल की कीमत में किस चीज का कितना योगदान होता है:
- बेस प्राइस: यह वो कीमत है जिस पर तेल कंपनियां डीलरों को पेट्रोल-डीजल बेचती हैं। इसमें कच्चे तेल की कीमत, रिफाइनिंग कॉस्ट आदि शामिल होते हैं।
- एक्साइज ड्यूटी: यह केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स है। पेट्रोल पर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती है।
- वैट: यह राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स है। हर राज्य में इसकी दर अलग-अलग होती है।
- डीलर कमीशन: पेट्रोल पंप मालिकों को मिलने वाला कमीशन।
इस तरह से देखें तो पेट्रोल की कीमत का लगभग 54% और डीजल की कीमत का 49% हिस्सा टैक्स का होता है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। इसके पीछे कई कारण हैं:
- अंतरराष्ट्रीय तनाव: दुनिया के किसी भी हिस्से में तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की कीमतें प्रभावित होती हैं। जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल की कीमतें बढ़ गई थीं।
- मांग और आपूर्ति: जब तेल की मांग बढ़ती है और आपूर्ति कम होती है, तो कीमतें बढ़ जाती हैं।
- OPEC+ के फैसले: तेल उत्पादक देशों का संगठन OPEC+ अपने उत्पादन में कटौती या बढ़ोतरी करके कीमतों को प्रभावित करता है।
- सरकारी नीतियां: केंद्र या राज्य सरकारें जब टैक्स में बदलाव करती हैं, तो उसका असर कीमतों पर पड़ता है।
- मौसम: तूफान या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से तेल उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे कीमतें बदल सकती हैं।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का असर
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का असर सिर्फ वाहन चालकों पर ही नहीं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है:
- महंगाई: जब ईंधन महंगा होता है, तो सामान ढुलाई का खर्च बढ़ जाता है। इससे हर चीज महंगी हो जाती है।
- परिवहन खर्च: लोगों को अपने रोजमर्रा के काम के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
- उद्योगों पर असर: कई उद्योगों में डीजल का इस्तेमाल होता है। कीमतें बढ़ने से उनका खर्च बढ़ जाता है।
- किसानों पर बोझ: खेती में ट्रैक्टर और पंपों के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है। कीमतें बढ़ने से किसानों पर बोझ बढ़ता है।
- मुद्रास्फीति: ईंधन की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ती है, जिससे रुपये की क्रय शक्ति कम हो जाती है।
अस्वीकरण (Disclaimer)
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं और यहां दी गई जानकारी लेख लिखे जाने के समय की है। वास्तविक कीमतें इससे भिन्न हो सकती हैं। कृपया सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए अपने स्थानीय पेट्रोल पंप या संबंधित तेल कंपनी से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान या परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।