Bihar jamin survey 2025: बिहार सरकार ने भूमि रिकॉर्ड्स को आधुनिक और डिजिटल बनाने के लिए एक व्यापक भूमि सर्वेक्षण अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल भूमि विवादों को कम करना है, बल्कि भूमि प्रशासन में पारदर्शिता लाना और डिजिटल रिकॉर्ड्स के माध्यम से नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करना है। इस प्रक्रिया में सभी रैयत (भूमि मालिकों) को भाग लेना अनिवार्य है।
इस लेख में हम आपको Bihar Jamin Survey 2025 के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जैसे कि इसका उद्देश्य, प्रक्रिया, नए नियम, और रैयतों को क्या-क्या करना होगा।
Bihar Jamin Survey 2025: मुख्य जानकारी
बिहार जमीन सर्वेक्षण 2025 से संबंधित मुख्य जानकारी नीचे दी गई है:
विवरण | जानकारी |
परियोजना का नाम | बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण |
शुरुआत वर्ष | 2024 |
नई समय सीमा | जुलाई 2026 |
कवर किए जाने वाले क्षेत्र | बिहार के सभी 38 जिले |
लक्षित राजस्व गांव | लगभग 45,000 |
डिजिटलाइज किए जाने वाले दस्तावेज | 25 करोड़ से अधिक |
कार्यान्वयन एजेंसी | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार |
Bihar Jamin Survey का उद्देश्य
इस सर्वेक्षण के कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- डिजिटल मैपिंग: सभी भूखंडों का सटीक डिजिटल मैप तैयार करना।
- भूमि विवाद समाधान: पुराने और नए विवादों को हल करने के लिए सटीक सीमांकन।
- पारदर्शिता: भूमि प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना।
- ऑनलाइन सेवाएं: भूमि संबंधित सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराना।
- कृषि विकास: कृषि योजना और विकास में सहायता करना।
- राजस्व सुधार: राजस्व संग्रह प्रक्रिया को बेहतर बनाना।
नए नियम और बदलाव
बिहार सरकार ने इस अभियान के तहत कुछ नए नियम और प्रक्रियाएं लागू की हैं।
मुख्य बदलाव:
- समय सीमा का विस्तार: स्व-घोषणा (Self Declaration) जमा करने की समय सीमा जुलाई 2025 तक बढ़ा दी गई है।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म: भूमि रिकॉर्ड्स को ऑनलाइन चेक करने की सुविधा दी गई है।
- ड्रोन और GPS तकनीक का उपयोग: सटीक सीमांकन सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
- वंशावली में बेटियों का नाम अनिवार्य: वंशावली में बेटियों और बहनों का नाम जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है।
भूमिधारकों के लिए आवश्यक कार्य
अगर आप बिहार में जमीन के मालिक हैं, तो आपको निम्नलिखित कार्य करने होंगे:
- अपने सभी भूमि दस्तावेज तैयार रखें।
- स्व-घोषणा फॉर्म (Form-2) और वंशावली फॉर्म (Form-3(1)) भरें।
- सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें या नजदीकी सर्वे कैंप में जाकर दस्तावेज जमा करें।
- सर्वे टीम द्वारा किए गए फील्ड सर्वेक्षण के दौरान उपस्थित रहें।
- ड्राफ्ट रिकॉर्ड की जांच करें और आपत्तियां दर्ज करें (यदि कोई हो)।
Land Survey की प्रक्रिया
बिहार जमीन सर्वे की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होगी:
- सर्वे नोटिफिकेशन जारी करना: सरकार द्वारा गांव या क्षेत्र के सर्वे की घोषणा।
- स्व-घोषणा जमा करना: भूमि मालिकों द्वारा अपने दस्तावेज जमा करना।
- दस्तावेज सत्यापन: सर्वे टीम द्वारा दस्तावेजों की जांच।
- फील्ड सर्वेक्षण: ड्रोन और GPS तकनीक से जमीन का सीमांकन।
- ड्राफ्ट रिकॉर्ड तैयार करना: प्रारंभिक भूमि रिकॉर्ड तैयार करना।
- आपत्तियां और सुझाव: रैयतों से आपत्तियां आमंत्रित करना।
- अंतिम प्रकाशन: अंतिम भूमि रिकॉर्ड का प्रकाशन।
जरूरी दस्तावेज
भूमि सर्वेक्षण के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
दस्तावेज़ का नाम | उद्देश्य |
खतियान की कॉपी | भूमि पंजीकरण प्रमाण |
आधार कार्ड | पहचान प्रमाण |
राजस्व रसीद | भूमि कर भुगतान प्रमाण |
वंशावली प्रमाणपत्र | उत्तराधिकार सत्यापन |
मृतक प्रमाणपत्र (यदि लागू हो) | मृत भू-स्वामी का प्रमाण |
वोटर कार्ड | पहचान प्रमाण |
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
भूमि सर्वेक्षण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- “Form for Self Declaration” चुनें।
- लॉगिन करके व्यक्तिगत और भूमि संबंधित जानकारी भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें और स्थिति ट्रैक करें।
Bihar Jamin Survey से लाभ
इस अभियान से राज्य के नागरिकों को कई लाभ होंगे:
- सभी भूखंडों का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध होगा।
- भूमि विवादों में कमी आएगी।
- पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित होगा।
- ऑनलाइन सेवाओं से समय और पैसे की बचत होगी।
Disclaimer:
यह लेख बिहार ज़मीन सर्वेक्षण 2025 पर आधारित है। यह योजना वास्तविक है और बिहार सरकार द्वारा चल रही है। सभी रैयतों को सलाह दी जाती है कि वे अपने दस्तावेज़ समय पर तैयार रखें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।