भारत में बैंकिंग सेक्टर में समय-समय पर नए नियम और बदलाव लागू होते रहते हैं। ये बदलाव ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने, डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने, और सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से किए जाते हैं। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और प्रमुख बैंकों जैसे SBI (State Bank of India) ने नए नियम और दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, RBI ने Repo Rate में कटौती की है, जो अर्थव्यवस्था और ग्राहकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
इस लेख में हम इन सभी बदलावों और उनके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
मुख्य अपडेट का सारांश
विषय | विवरण |
नए बैंकिंग नियम | न्यूनतम बैलेंस, ATM ट्रांजैक्शन लिमिट, चेकबुक शुल्क आदि में बदलाव |
RBI Repo Rate | 6.5% से घटाकर 6.25%, 5 वर्षों में पहली बार कटौती |
डिजिटल बैंकिंग | डिजिटल लेन-देन पर छूट और नई सुविधाएं |
SBI के नए नियम | न्यूनतम बैलेंस सीमा बढ़ाई गई, ATM शुल्क में बदलाव |
निष्क्रिय खाते | 2 वर्षों से निष्क्रिय खातों को बंद करने का प्रावधान |
RBI Repo Rate में बदलाव
7 फरवरी 2025 को RBI ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक में Repo Rate को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया। यह पिछले 5 वर्षों में पहली बार हुआ है जब Repo Rate में कटौती की गई है।
Repo Rate क्या है?
Repo Rate वह दर है जिस पर RBI अन्य बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है। इस दर का सीधा प्रभाव ग्राहकों के लोन और EMI पर पड़ता है।
इस बदलाव का प्रभाव:
- होम लोन और अन्य ऋण सस्ते होंगे, जिससे EMI कम होगी।
- आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि ब्याज दरें कम होने से खर्च करने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
- निवेश और उपभोग को प्रोत्साहन मिलेगा।
नए बैंकिंग नियम: सभी खाता धारकों के लिए आवश्यक जानकारी
1. न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) की नई सीमा
अब ग्राहकों को अपने खाते में अधिक न्यूनतम बैलेंस रखना होगा:
- शहरी क्षेत्रों में: ₹10,000
- ग्रामीण क्षेत्रों में: ₹5,000
यदि यह सीमा पूरी नहीं होती है तो जुर्माना लगाया जाएगा।
2. ATM ट्रांजैक्शन लिमिट
ग्राहकों के लिए मुफ्त ATM ट्रांजैक्शन की संख्या कम कर दी गई है:
- मेट्रो शहरों में: 3 मुफ्त ट्रांजैक्शन
- गैर-मेट्रो शहरों में: 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन
इसके बाद प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर ₹25 का शुल्क लगेगा।
3. चेकबुक शुल्क
- पहली चेकबुक (20 पन्ने): मुफ्त
- अतिरिक्त चेकबुक: ₹50 प्रति चेकबुक
यह कदम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
4. निष्क्रिय खाते (Inactive Accounts)
RBI ने निर्देश दिया है कि जो खाते दो वर्षों से निष्क्रिय हैं, उन्हें बंद कर दिया जाएगा।
ग्राहक अपने खाते को सक्रिय रखने के लिए नियमित लेन-देन करें।
SBI (State Bank of India) के नए नियम
SBI ने भी अपने ग्राहकों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं:
- न्यूनतम बैलेंस सीमा:
- पहले ₹3000 था, अब इसे ₹5000 कर दिया गया है।
- ATM शुल्क:
- SBI एटीएम से 3 मुफ्त ट्रांजैक्शन; उसके बाद प्रति ट्रांजैक्शन ₹25 शुल्क।
- डिजिटल बैंकिंग:
- UPI और NEFT पर कोई शुल्क नहीं।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए लाभ:
- बचत खाते पर ब्याज दर बढ़ाकर 3.5% कर दी गई है।
डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा
डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के लिए बैंकों ने कई कदम उठाए हैं:
- UPI और NEFT ट्रांजैक्शन पर छूट।
- RTGS ट्रांजैक्शन पर ₹2 की छूट।
- मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार।
निष्क्रिय खातों के लिए नए दिशानिर्देश
RBI ने निष्क्रिय खातों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- दो वर्षों से निष्क्रिय खाते:
- इन खातों को बंद किया जाएगा।
- KYC अपडेट अनिवार्य:
- सभी खाताधारकों को समय-समय पर KYC अपडेट करना होगा।
- ग्राहक जागरूकता:
- बैंकों द्वारा ग्राहकों को सूचित किया जाएगा कि उनका खाता निष्क्रिय हो सकता है।
RBI द्वारा Repo Rate कटौती का प्रभाव
RBI द्वारा Repo Rate घटाने का सीधा लाभ होम लोन और अन्य ऋण लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा। उदाहरण:
यदि आपने ₹80 लाख का होम लोन लिया है और ब्याज दर 9% से घटकर 8.75% हो जाती है, तो आपकी मासिक EMI ₹71,978 से घटकर ₹70,697 हो जाएगी।
निष्कर्ष
बैंकिंग सेक्टर में ये बदलाव ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किए गए हैं। हालांकि, इन नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लग सकता है। इसलिए सभी खाता धारक इन अपडेट्स को ध्यानपूर्वक समझें और अपने खातों को सक्रिय रखें। Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें ताकि आप इन नियमों का सही तरीके से पालन कर सकें।