PM Vishwakarma Training: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो देश के कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कला और शिल्प में लगे लोगों को आधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस करना है, ताकि वे अपने कौशल को और बेहतर बना सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
इस योजना के तहत, सरकार कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक टूलकिट, और वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह पहल न केवल पारंपरिक कला और शिल्प को संरक्षित करने में मदद करेगी, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। PM विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों को उनके कौशल के आधार पर पहचान दी जाती है और उन्हें योजना के तहत विभिन्न लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र बनाया जाता है।
PM Vishwakarma Yojana क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए डिज़ाइन की गई है। यह योजना 18 अलग-अलग व्यवसायों को कवर करती है, जिनमें बढ़ई, लोहार, कुम्हार, सुनार, दर्जी, और कई अन्य शामिल हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य इन कारीगरों को आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षण, और वित्तीय सहायता प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
योजना का अवलोकन
बिंदु | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना |
लॉन्च तिथि | 17 सितंबर, 2023 |
लक्षित समूह | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
कवर किए गए व्यवसाय | 18 पारंपरिक व्यवसाय |
बजट | 13,000 करोड़ रुपये |
अवधि | 5 वर्ष (2023-2028) |
प्रशिक्षण अवधि | बेसिक: 5-7 दिन, एडवांस: 15 दिन या अधिक |
टूलकिट सहायता | 15,000 रुपये तक |
ऋण सहायता | 3 लाख रुपये तक |
PM Vishwakarma Yojana के उद्देश्य
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- कारीगरों की पहचान और मान्यता: योजना के तहत कारीगरों को PM विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और ID कार्ड जारी किए जाते हैं।
- कौशल उन्नयन: कारीगरों को बेसिक और एडवांस प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
- आधुनिक उपकरण: कारीगरों को 15,000 रुपये तक के टूलकिट वाउचर दिए जाते हैं।
- वित्तीय सहायता: 3 लाख रुपये तक का कम ब्याज वाला ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
- डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा: डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- मार्केटिंग सपोर्ट: उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजार तक पहुंच में सहायता प्रदान की जाती है।
PM Vishwakarma Yojana के लाभार्थी कौन हैं?
इस योजना के तहत निम्नलिखित 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगर और शिल्पकार लाभ प्राप्त कर सकते हैं:
- बढ़ई (सुथार/बढ़ई)
- नाव निर्माता
- लोहार
- सुनार
- कुम्हार
- मूर्तिकार
- चर्मकार/जूता बनाने वाले
- राजमिस्त्री
- टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले
- गुड़िया और खिलौना बनाने वाले
- नाई
- माली
- धोबी
- दर्जी
- मछली जाल बनाने वाले
PM Vishwakarma Yojana के तहत मिलने वाले लाभ
1. कौशल प्रशिक्षण
- बेसिक ट्रेनिंग: 5-7 दिनों का प्रशिक्षण
- एडवांस ट्रेनिंग: 15 दिन या उससे अधिक का प्रशिक्षण
- स्टाइपेंड: प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता
2. टूलकिट सहायता
- 15,000 रुपये तक का ई-वाउचर
- बेसिक ट्रेनिंग के शुरू में दिया जाता है
- आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए उपयोग किया जा सकता है
3. वित्तीय सहायता
- 3 लाख रुपये तक का ऋण
- दो किश्तों में: 1 लाख रुपये और 2 लाख रुपये
- कम ब्याज दर: 5% (8% सरकारी सब्सिडी के साथ)
- बिना किसी गारंटी के ऋण
4. डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन
- प्रति डिजिटल लेनदेन 1 रुपया प्रोत्साहन राशि
- अधिकतम 100 लेनदेन प्रति माह तक
- सीधे लाभार्थी के खाते में जमा
5. मार्केटिंग सहायता
- उत्पादों की गुणवत्ता प्रमाणन
- ब्रांडिंग और पैकेजिंग में सहायता
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग
- विज्ञापन और प्रचार में मदद
PM Vishwakarma Yojana के लिए आवेदन कैसे करें?
- पंजीकरण: नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं।
- दस्तावेज: आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और व्यवसाय से संबंधित प्रमाण लेकर जाएं।
- बायोमेट्रिक सत्यापन: आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन कराएं।
- फॉर्म भरना: CSC ऑपरेटर की मदद से PM विश्वकर्मा पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरें।
- सत्यापन: आवेदन की जांच स्थानीय निकाय और जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी।
- अनुमोदन: योग्य पाए जाने पर आपको योजना में शामिल कर लिया जाएगा।
ट्रेनिंग मैसेज और टूलकिट कब मिलेगा?
जब आपका आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो आपको एक SMS या फोन कॉल के माध्यम से ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाएगा। ट्रेनिंग का समय और स्थान इस संदेश में बताया जाएगा। आमतौर पर, आवेदन स्वीकृत होने के 2-4 सप्ताह के भीतर यह संदेश आ जाता है।
टूलकिट के संबंध में:
- टूलकिट वाउचर: बेसिक ट्रेनिंग शुरू होने के समय आपको 15,000 रुपये तक का ई-वाउचर दिया जाएगा।
- वाउचर का उपयोग: इस वाउचर का उपयोग आप सरकार द्वारा अधिकृत विक्रेताओं से अपने व्यवसाय के लिए आवश्यक आधुनिक उपकरण खरीदने में कर सकते हैं।
- समय सीमा: वाउचर मिलने के बाद आपको एक निश्चित समय सीमा (आमतौर पर 30-60 दिन) के भीतर इसका उपयोग करना होगा।
PM Vishwakarma Yojana से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
- पात्रता: 18-55 वर्ष की आयु के पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार इस योजना के लिए पात्र हैं।
- आय सीमा: इस योजना में शामिल होने के लिए कोई आय सीमा नहीं है।
- प्रशिक्षण स्थल: प्रशिक्षण आमतौर पर आपके नजदीकी क्षेत्र में ही आयोजित किया जाएगा।
- प्रमाणपत्र: प्रशिक्षण पूरा करने पर आपको एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
- ऋण सुविधा: बेसिक ट्रेनिंग के बाद 1 लाख रुपये और एडवांस ट्रेनिंग के बाद 2 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकता है।
- डिजिटल भुगतान: योजना के तहत डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- मार्केटिंग सपोर्ट: सरकार आपके उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजार तक पहुंच में मदद करेगी।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि हमने इस जानकारी को सटीक और अप-टू-डेट रखने का प्रयास किया है, फिर भी योजना के नियमों और प्रक्रियाओं में समय-समय पर बदलाव हो सकता है। इसलिए, किसी भी कार्रवाई करने से पहले आधिकारिक सरकारी स्रोतों से ताजा जानकारी प्राप्त करना सुनिश्चित करें।