बिहार ज़मीन सर्वे की अंतिम तिथि जारी! जल्द ही करें आवेदन, बड़ी खबर Bihar Jamin survey Last Date

बिहार सरकार ने भूमि रिकॉर्ड को सटीक और अद्यतन करने के लिए बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य ज़मीन से जुड़े विवादों को समाप्त करना, भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटलीकरण करना और सरकारी ज़मीन को कब्जे से मुक्त कराना है। हाल ही में, इस सर्वे के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 घोषित की गई है। यह तिथि पहले 30 नवंबर 2024 थी लेकिन इसे बढ़ा दिया गया है ताकि सभी भूमि मालिक अपनी ज़मीन का रिकॉर्ड सही करा सकें।

इस लेख में, हम आपको बिहार ज़मीन सर्वे से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, जैसे कि इसके फायदे, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण पहलू।

बिहार ज़मीन सर्वे: एक नज़र में

विवरणजानकारी
योजना का नामबिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण
शुरुआत की तारीख20 अगस्त 2024
अंतिम तिथि31 मार्च 2025
आवेदन का तरीकाऑनलाइन और ऑफलाइन
सर्वेक्षण का उद्देश्यभूमि रिकॉर्ड्स को अपडेट करना
प्रमुख लाभार्थीसभी भूमि मालिक
प्रमुख विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग

बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण क्या है?

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बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण राज्य सरकार द्वारा चलाया गया एक बड़ा अभियान है, जिसका उद्देश्य राज्य के सभी राजस्व गांवों में भूमि रिकॉर्ड को सटीक और अद्यतन करना है। इस प्रक्रिया में प्रत्येक प्लॉट की माप, स्वामित्व की पुष्टि, और डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।

इस सर्वेक्षण से न केवल ज़मीन विवादों में कमी आएगी बल्कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी पारदर्शिता आएगी।

बिहार ज़मीन सर्वे के प्रमुख फायदे

  1. भूमि विवादों में कमी:
    इस सर्वे के माध्यम से ज़मीन की सही माप और स्वामित्व अधिकारों की पुष्टि होगी, जिससे विवाद कम होंगे।
  2. डिजिटल रिकॉर्ड:
    सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्मेट में सेव किए जाएंगे, जिससे इनका उपयोग और संशोधन आसान होगा।
  3. पारदर्शिता:
    जमीन अधिग्रहण और लेन-देन में पारदर्शिता आएगी, जिससे भ्रष्टाचार कम होगा।
  4. सरकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन:
    सटीक भूमि आंकड़ों से कृषि, सिंचाई और अन्य योजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी।
  5. जमीनी विवादों का समाधान:
    असली मालिकों की पहचान होने से अदालतों में लंबित मामलों की संख्या घटेगी।
  6. राजस्व संग्रह में वृद्धि:
    सटीक रिकॉर्ड से राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।

आवेदन कैसे करें?

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

  1. सबसे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. “बिहार विशेष सर्वेक्षण संबंधित सेवाएं” विकल्प पर क्लिक करें।
  3. “स्वघोषणा हेतु प्रपत्र” चुनें।
  4. आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज अपलोड करें।
  5. आवेदन सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें।

ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया

  1. अपने नजदीकी अंचल कार्यालय या विशेष शिविर पर जाएं।
  2. प्रपत्र-2, प्रपत्र-3(1) और वंशावली जमा करें।
  3. संबंधित अधिकारी से रसीद प्राप्त करें।

किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?

  • खतियान (पुराने रिकॉर्ड)
  • वंशावली प्रमाण पत्र
  • स्वामित्व प्रमाण पत्र
  • पहचान पत्र (आधार कार्ड/पैन कार्ड)
  • पासपोर्ट साइज फोटो

बिहार ज़मीन सर्वे से जुड़े नए नियम

हाल ही में सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं:

  1. प्रत्येक प्रमंडल के लिए अलग-अलग सर्वर का प्रावधान किया गया है।
  2. ऑनलाइन स्वघोषणा प्रक्रिया फिलहाल 21 फरवरी तक स्थगित है।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों के बाद शहरी क्षेत्रों में भी यह प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

ज़मीन सर्वे से जुड़े आम सवाल

1. क्या यह प्रक्रिया अनिवार्य है?

हाँ, सभी भू-मालिकों के लिए अपनी ज़मीन का सर्वे कराना अनिवार्य है।

2. क्या अंतिम तिथि फिर बढ़ सकती है?

फिलहाल अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 तय की गई है। अगर जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

3. क्या ऑनलाइन आवेदन सुरक्षित है?

जी हाँ, ऑनलाइन आवेदन पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी है।

निष्कर्ष

बिहार सरकार द्वारा चलाया गया यह अभियान राज्य के विकास और सुशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल ज़मीन विवाद खत्म होंगे बल्कि डिजिटल रिकॉर्ड्स तैयार होने से प्रशासनिक कार्य भी सरल होंगे।

Disclaimer:

यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया आवेदन करने से पहले संबंधित विभाग की आधिकारिक सूचना अवश्य पढ़ें।

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