पेंशनभोगियों के लिए यह खबर राहत और खुशी लेकर आई है। EPS-95 (Employees’ Pension Scheme 1995) के तहत सरकार न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में पेंशनधारकों को केवल ₹1,000 प्रति माह मिलती है, जो बढ़ती महंगाई के चलते पर्याप्त नहीं है। वित्त मंत्रालय ने संकेत दिया है कि इस होली पर पेंशनभोगियों को न्यूनतम ₹7,500 की पेंशन देने की घोषणा हो सकती है। यह कदम देशभर के 75 लाख से अधिक पेंशनर्स के लिए एक बड़ा तोहफा साबित होगा।
EPS-95: क्या है यह योजना?
EPS-95, जिसे Employees’ Pension Scheme 1995 के नाम से जाना जाता है, एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसे EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा संचालित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है।
योजना का विवरण | विवरण |
योजना का नाम | Employees’ Pension Scheme 1995 (EPS-95) |
लॉन्च तिथि | 16 नवंबर 1995 |
मौजूदा न्यूनतम पेंशन | ₹1,000 प्रति माह |
प्रस्तावित न्यूनतम पेंशन | ₹7,500 प्रति माह |
योग्यता आयु | 58 वर्ष |
योग्यता सेवा अवधि | न्यूनतम 10 वर्ष |
प्रबंधक संस्था | EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) |
EPS-95 पेंशन वृद्धि: मुख्य बिंदु
- न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग: EPS-95 नेशनल एगिटेशन कमेटी और अन्य संगठनों ने सरकार से न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 तक बढ़ाने की मांग की है।
- महंगाई भत्ता (DA): पेंशनभोगी केवल पेंशन वृद्धि ही नहीं, बल्कि महंगाई भत्ते और मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं की भी मांग कर रहे हैं।
- वर्तमान स्थिति: लगभग 36.6 लाख पेंशनर्स अभी भी ₹1,000 से कम पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
- सरकार की प्रतिक्रिया: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।
EPS-95 पेंशन वृद्धि क्यों जरूरी है?
पिछले कुछ वर्षों में महंगाई में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करना मुश्किल हो गया है। मौजूदा ₹1,000 की न्यूनतम पेंशन न केवल अपर्याप्त है, बल्कि यह वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक जीवन जीने में भी असमर्थ बनाती है।
मुख्य समस्याएं:
- कम राशि: वर्तमान में अधिकांश पेंशनर्स को ₹1,000 से भी कम राशि मिल रही है।
- चिकित्सा सुविधाओं की कमी: वृद्धावस्था में चिकित्सा खर्च बढ़ जाते हैं, लेकिन EPS-95 के तहत कोई मुफ्त चिकित्सा सुविधा नहीं दी जाती।
- महंगाई का प्रभाव: बढ़ती महंगाई ने दैनिक खर्चों को बढ़ा दिया है।
प्रस्तावित समाधान:
- न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 तक बढ़ाना।
- महंगाई भत्ता (DA) जोड़ना।
- मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना।
EPS-95 में योगदान और लाभ
EPS-95 योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं।
अंशदान का विवरण | प्रतिशत (%) |
कर्मचारी का अंशदान | 12% (पूरी तरह EPF में जाता है) |
नियोक्ता का कुल अंशदान | 12% |
EPS में नियोक्ता का अंशदान | 8.33% |
EPF में नियोक्ता का अंशदान | 3.67% |
पेंशन गणना का फॉर्मूला:
= × 70
=
70
×
यहां:
- पेंशन योग्य वेतन: पिछले 60 महीनों का औसत वेतन।
- पेंशन योग्य सेवा: कुल सेवा अवधि (न्यूनतम 10 वर्ष)।
EPS-95 पेंशन वृद्धि के लाभ
- वित्तीय स्थिरता: उच्च पेंशन राशि वृद्ध नागरिकों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगी।
- जीवन स्तर में सुधार: यह कदम वरिष्ठ नागरिकों को एक सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेगा।
- चिकित्सा खर्चों का प्रबंधन: मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं से वृद्धावस्था में स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को कम किया जा सकेगा।
मौजूदा और प्रस्तावित स्थिति की तुलना:
फैक्टर | मौजूदा स्थिति | प्रस्तावित स्थिति |
न्यूनतम EPS-95 पेंशन | ₹1,000 | ₹7,500 |
अधिकतम EPS-95 पेंशन | ₹7,500 | ₹10,050 |
योगदान वेतन सीमा | ₹15,000 | ₹21,000 |
सरकार और संगठनों की भूमिका
EPS-95 NAC (National Agitation Committee) ने पिछले कई वर्षों से इस मुद्दे पर जोर दिया है। जनवरी 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक के दौरान इन मांगों पर चर्चा हुई।
संगठन की मांग:
- न्यूनतम ₹7,500 की मासिक पेंशन।
- महंगाई भत्ते (DA) का प्रावधान।
- मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं।
सरकार की प्रतिक्रिया:
वित्त मंत्री ने इन मांगों पर विचार करने और समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।
निष्कर्ष
EPS-95 योजना भारत के संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। न्यूनतम पेंशन बढ़ाने और अन्य लाभ जोड़ने से लाखों वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी।
Disclaimer:
यह लेख उपलब्ध जानकारी और रिपोर्ट्स पर आधारित है। हालांकि सरकार ने अभी तक आधिकारिक रूप से इस योजना की घोषणा नहीं की है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें।