भारत में बैंकिंग प्रणाली लगातार विकसित हो रही है, और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए नए नियम लागू किए जा रहे हैं। जनवरी 2025 से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो SBI, PNB, HDFC और अन्य बैंकों के खाताधारकों पर प्रभाव डालेंगे। इन नियमों का उद्देश्य बैंकिंग को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाना है।
इस लेख में हम जनवरी 2025 से लागू हुए तीन प्रमुख नियमों के बारे में विस्तार से जानेंगे। ये नियम फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), निष्क्रिय खातों और नामांकन प्रक्रिया से संबंधित हैं। साथ ही, यह भी समझेंगे कि इन बदलावों का ग्राहकों पर क्या असर होगा।
नए बैंकिंग नियम: एक नज़र में
नीचे दी गई तालिका में इन तीन प्रमुख नियमों का सारांश दिया गया है:
नियम | विवरण |
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) | FD परिपक्वता की सूचना 14 दिन पहले देना अनिवार्य। छोटे FD पर समय पूर्व निकासी के नए नियम। |
निष्क्रिय खाते | दो साल से अधिक निष्क्रिय खातों की पहचान और वार्षिक समीक्षा अनिवार्य। |
नामांकन प्रक्रिया | सभी खातों और FD में नामांकन अनिवार्य। पासबुक पर नामांकन स्थिति दर्ज करना आवश्यक। |
1. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के लिए नए नियम
RBI ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) में फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये नियम 1 जनवरी 2025 से लागू हो गए हैं।
प्रमुख बदलाव:
- छोटी FD निकासी: ₹10,000 तक की FD को तीन महीने के भीतर बिना ब्याज के निकाला जा सकता है।
- गंभीर बीमारी: गंभीर बीमारी के मामलों में पूरी FD राशि निकाली जा सकती है, लेकिन तीन महीने के भीतर ब्याज नहीं मिलेगा।
- परिपक्वता सूचना: अब NBFCs को FD परिपक्वता की सूचना केवल 14 दिन पहले देनी होगी (पहले यह अवधि 2 महीने थी)।
- अन्य जमा निकासी: ₹5 लाख तक की 50% राशि तीन महीने के भीतर निकाली जा सकती है, लेकिन बिना ब्याज।
प्रभाव:
इन बदलावों से ग्राहकों को अधिक लचीलापन मिलेगा और उनकी वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी।
2. निष्क्रिय खातों के लिए नए नियम
RBI ने निष्क्रिय खातों को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे।
प्रमुख बिंदु:
- निष्क्रिय खाता परिभाषा: यदि खाते में दो साल तक कोई ग्राहक प्रेरित लेनदेन नहीं होता, तो उसे निष्क्रिय माना जाएगा।
- वार्षिक समीक्षा: बैंकों को सभी निष्क्रिय खातों की वार्षिक समीक्षा करनी होगी।
- ग्राहक सूचना: बैंक ग्राहकों को SMS या ईमेल द्वारा सूचित करेंगे यदि उनका खाता निष्क्रिय होने वाला है।
- धोखाधड़ी रोकथाम: पुनः सक्रिय किए गए खातों पर छह महीने तक निगरानी रखी जाएगी।
- शुल्क माफी: निष्क्रिय खातों पर कोई दंडात्मक शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
प्रभाव:
इससे ग्राहकों को अपने खाते सक्रिय रखने की प्रेरणा मिलेगी और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
3. नामांकन प्रक्रिया में बदलाव
RBI ने सभी बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट में नामांकन प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। यह नियम 17 जनवरी 2025 से लागू हो गया है।
प्रमुख बिंदु:
- अनिवार्य नामांकन: सभी मौजूदा और नए खातों में नामांकन करना आवश्यक होगा।
- पासबुक अपडेट: पासबुक/रसीद पर “नामांकन पंजीकृत” का उल्लेख करना जरूरी होगा।
- सरल प्रक्रिया: नामांकन प्रक्रिया को सरल और ग्राहक-अनुकूल बनाया गया है।
- जागरूकता अभियान: बैंकों को इसके लाभों के बारे में प्रचार करना होगा।
प्रभाव:
इससे मृत जमाकर्ताओं के परिवार को लाभ मिलेगा और दावों का निपटारा तेजी से होगा।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव
जनवरी 2025 से लागू अन्य बैंकिंग बदलाव इस प्रकार हैं:
- न्यूनतम बैलेंस सीमा बढ़ी:
- SBI: ₹3,000 से बढ़ाकर ₹5,000
- PNB: ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,500
- Canara Bank: ₹1,000 से बढ़ाकर ₹2,500
- ATM ट्रांजेक्शन शुल्क:
- हर महीने केवल तीन मुफ्त ट्रांजेक्शन की अनुमति होगी।
- अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ₹25 शुल्क लगेगा।
- डिजिटल बैंकिंग का विस्तार:
- डिजिटल लेनदेन पर कैशबैक और अन्य लाभ दिए जाएंगे।
- KYC अपडेट अनिवार्य:
- कम जोखिम वाले ग्राहकों का KYC हर दो साल में अपडेट करना होगा।
- उच्च जोखिम वाले ग्राहकों का KYC हर साल अपडेट किया जाएगा।
इन बदलावों का महत्व
इन नए नियमों का उद्देश्य ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना और बैंकिंग प्रणाली को अधिक पारदर्शी एवं सुरक्षित बनाना है। हालांकि, ग्राहकों को इन परिवर्तनों के बारे में जागरूक होना चाहिए ताकि वे किसी असुविधा से बच सकें।
Disclaimer:
यह लेख जनवरी 2025 में लागू हुए वास्तविक बैंकिंग नियमों पर आधारित है। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली खबरें कभी-कभी भ्रामक हो सकती हैं। इसलिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों या अपने बैंक से जानकारी प्राप्त करें।