आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इस बार का बजट टैक्सपेयर्स के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को अपना आठवां बजट पेश करेंगी, जो मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट होगा। इस बजट से मध्यम वर्ग और करदाताओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों और करदाताओं को इस बार इनकम टैक्स में कई बड़े बदलावों की उम्मीद है। इनकम टैक्स स्लैब में परिवर्तन और विभिन्न छूटों में वृद्धि की संभावना है। इस लेख में हम बजट 2025-26 में टैक्सपेयर्स के लिए संभावित दो बड़े तोहफों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
बजट 2025-26: इनकम टैक्स में संभावित बदलाव
करदाता मौजूदा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। वर्तमान में पुराने टैक्स रेजीम में 50,000 रुपये का फ्लैट स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है, जबकि नए टैक्स रेजीम में करदाता 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। यह सीमा बजट 2024 में 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई थी।
बजट 2025-26 में इनकम टैक्स के लिए संभावित 2 बड़े तोहफे
- स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि
- टैक्स स्लैब में बदलाव
आइए इन दोनों संभावित तोहफों के बारे में विस्तार से जानें:
1. स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि
विशेषज्ञों का मानना है कि नए टैक्स रेजीम में वेतनभोगी व्यक्तियों और पेंशनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है। यह बदलाव कर योग्य आय को काफी कम कर देगा, जिससे करदाताओं को अधिक वित्तीय राहत मिलेगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि का प्रभाव
वार्षिक आय | वर्तमान कर देयता | संभावित नई कर देयता | बचत |
5 लाख | 0 | 0 | 0 |
7 लाख | 15,000 | 0 | 15,000 |
10 लाख | 78,000 | 53,000 | 25,000 |
15 लाख | 1,95,000 | 1,70,000 | 25,000 |
20 लाख | 3,51,000 | 3,26,000 | 25,000 |
2. टैक्स स्लैब में बदलाव
इस बजट में सरकार व्यक्तिगत करदाताओं को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव कर सकती है। इससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा और विशेष रूप से मध्यम आय वर्ग के लोगों की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी। नए टैक्स रेजीम में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद है।
संभावित नए टैक्स स्लैब (नए टैक्स रेजीम में)
आय सीमा | टैक्स दर |
5 लाख तक | शून्य |
5-7 लाख | 5% |
7-10 लाख | 10% |
10-12 लाख | 15% |
12-15 लाख | 20% |
15 लाख से ऊपर | 30% |
बजट 2025-26: अन्य संभावित राहतें
1. सेक्शन 80C की लिमिट में वृद्धि
टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि सरकार सेक्शन 80C के तहत निवेश सीमा को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम के लिए कटौती में वृद्धि की जा सकती है। यह बचत और वित्तीय सुरक्षा को प्रोत्साहित करेगा।
2. हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में बदलाव
LTA और HRA छूट में संशोधन की संभावना है, जो वेतनभोगी कर्मचारियों को बहुत जरूरी राहत प्रदान कर सकता है।
3. नए टैक्स रेजीम को और आकर्षक बनाना
सरकार नए टैक्स रेजीम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कुछ कदम उठा सकती है। वर्तमान में, नए टैक्स रेजीम में सभी आय समूहों के लिए 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाता है। वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों के बीच समानता लाने के लिए, सरकार वेतन से आय के लिए प्रगतिशील स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत कर सकती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य बीमा, होम लोन ब्याज, जीवन बीमा आदि के लिए उचित कटौती की अनुमति दी जा सकती है।
बजट 2025-26: टैक्सपेयर्स की अन्य अपेक्षाएं
1. लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर (LTCG) में सरलीकरण
विशेषज्ञों को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर (LTCG) और अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर (STCG) के सरलीकरण की उम्मीद है। हालांकि, हाल की मीडिया रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि इस बजट में इस संबंध में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा। यह मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि अंतरिम बजट 2024 में LTCG और STCG से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान पेश किए गए थे।
2. डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) की शुरुआत
पिछले बजट में, सरकार ने 63 वर्ष पुराने आयकर अधिनियम की व्यापक समीक्षा, ओवरहाल और सरलीकरण की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य करदाताओं के लिए आयकर अधिनियम को समझना आसान बनाना और आयकर से संबंधित मुकदमेबाजी प्रक्रियाओं को कम करना और आसान बनाना है। उम्मीद है कि वित्त मंत्री सीतारमण इस वर्ष बजट सत्र के दौरान डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) पेश कर सकती हैं।
3. सरचार्ज दरों का युक्तिकरण
टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए सरचार्ज दरों के युक्तिकरण पर महत्वपूर्ण चर्चा हो सकती है। यदि लागू किया जाता है, तो यह वेतनभोगी वर्ग के उच्च आय वर्ग के लिए समग्र कर बोझ को कम कर सकता है, जिससे कर देयताएं वास्तविक आय स्तरों के अधिक करीब आ जाएंगी।
4. क्रिप्टोकरेंसी पर कर में बदलाव
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वित्त मंत्री सीतारमण बजट 2025-26 में क्रिप्टोकरेंसी पर वर्तमान कर व्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव करेंगी या नहीं।
5. जीवन बीमा पॉलिसियों पर कर छूट
वर्तमान में, यदि किसी वर्ष के दौरान देय कुल प्रीमियम पॉलिसी अवधि के दौरान 5 लाख रुपये से अधिक हो जाता है, तो जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए कर छूट की अनुमति नहीं है। इससे आय की गणना के लिए रिकॉर्ड रखने में व्यावहारिक कठिनाई पैदा हो गई है। करदाताओं को उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी और कुछ राहत प्रदान करेगी।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय या कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बजट 2025-26 के संबंध में दी गई जानकारी अनुमानों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। वास्तविक बजट घोषणाएं इससे भिन्न हो सकती हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले, कृपया योग्य वित्तीय सलाहकार या कर विशेषज्ञ से परामर्श लें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान या परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।