भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2025 में कुछ प्रमुख सरकारी बैंकों के लिए नए नियम जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को और अधिक मजबूत, सुरक्षित और कुशल बनाना है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूको बैंक (UCO), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) जैसे प्रमुख बैंकों को इन नए नियमों का पालन करना होगा।
इन नए नियमों में खाता धारकों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं, जैसे न्यूनतम बैलेंस आवश्यकताएं, ATM निकासी शुल्क, डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं और चेक भुगतान प्रक्रियाएं। इन परिवर्तनों का उद्देश्य ग्राहक सेवा में सुधार करना, धोखाधड़ी को रोकना और समग्र बैंकिंग अनुभव को बेहतर बनाना है।
RBI द्वारा जारी नए बैंकिंग नियम 2025
RBI ने 2025 के लिए कई नए बैंकिंग नियम जारी किए हैं जो PNB, UCO, SBI और BOB जैसे प्रमुख सरकारी बैंकों पर लागू होंगे। इन नियमों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, कुशल और ग्राहक-केंद्रित बनाना है। आइए इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानें:
नियम का विवरण | लागू होने की तिथि |
न्यूनतम बैलेंस आवश्यकता में बदलाव | 1 जनवरी, 2025 |
ATM निकासी शुल्क में संशोधन | 1 फरवरी, 2025 |
डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं में सुधार | 1 मार्च, 2025 |
चेक भुगतान प्रक्रिया में बदलाव | 1 अप्रैल, 2025 |
KYC नियमों में अपडेट | 1 मई, 2025 |
इंटरनेट बैंकिंग सुरक्षा मानकों में वृद्धि | 1 जून, 2025 |
मोबाइल बैंकिंग ऐप्स के लिए नए दिशानिर्देश | 1 जुलाई, 2025 |
ग्राहक शिकायत निवारण प्रणाली में सुधार | 1 अगस्त, 2025 |
न्यूनतम बैलेंस आवश्यकता में बदलाव
RBI ने PNB, UCO, SBI और BOB के लिए न्यूनतम बैलेंस आवश्यकताओं में बदलाव किए हैं। यह बदलाव 1 जनवरी, 2025 से लागू होंगे। नए नियमों के अनुसार:
- शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस ₹2000 से बढ़ाकर ₹3000 किया गया है।
- अर्ध-शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस ₹1000 से बढ़ाकर ₹1500 किया गया है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस ₹500 से बढ़ाकर ₹750 किया गया है।
यह बदलाव खाता रखरखाव लागत को कवर करने और बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए किया गया है।
ATM निकासी शुल्क में संशोधन
1 फरवरी, 2025 से ATM निकासी शुल्क में निम्नलिखित बदलाव लागू होंगे:
- अपने बैंक के ATM से मासिक मुफ्त लेनदेन की संख्या 5 से घटाकर 4 कर दी गई है।
- अन्य बैंकों के ATM से मासिक मुफ्त लेनदेन की संख्या 3 से घटाकर 2 कर दी गई है।
- मुफ्त लेनदेन के बाद प्रति लेनदेन शुल्क ₹20 से बढ़ाकर ₹25 कर दिया गया है।
इन बदलावों का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना और ATM रखरखाव लागत को कवर करना है।
डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं में सुधार
RBI ने बैंकों को 1 मार्च, 2025 तक अपनी डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं में सुधार करने का निर्देश दिया है। इसमें शामिल हैं:
- मोबाइल बैंकिंग ऐप्स में AI-आधारित ग्राहक सहायता
- UPI लेनदेन की सीमा में वृद्धि
- इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल में बेहतर सुरक्षा फीचर्स
- डिजिटल लेनदेन के लिए रियल-टाइम अलर्ट सिस्टम
ये सुधार डिजिटल बैंकिंग अनुभव को बेहतर बनाने और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेंगे।
चेक भुगतान प्रक्रिया में बदलाव
1 अप्रैल, 2025 से चेक भुगतान प्रक्रिया में निम्नलिखित बदलाव लागू होंगे:
- ₹50,000 और उससे अधिक के सभी चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) अनिवार्य होगा।
- चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के माध्यम से सभी चेक का प्रसंस्करण किया जाएगा।
- चेक बाउंस होने पर जुर्माना बढ़ाकर ₹500 से ₹750 कर दिया जाएगा।
ये बदलाव चेक धोखाधड़ी को रोकने और भुगतान प्रणाली को अधिक कुशल बनाने में मदद करेंगे।
KYC नियमों में अपडेट
RBI ने 1 मई, 2025 से KYC (Know Your Customer) नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:
- हर 2 साल में KYC अपडेट करना अनिवार्य होगा।
- आधार-आधारित e-KYC को बढ़ावा दिया जाएगा।
- विदेशी नागरिकों के लिए KYC प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
- हाई-रिस्क खातों के लिए अतिरिक्त KYC दस्तावेज आवश्यक होंगे।
ये अपडेट मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में मदद करेंगे।
इंटरनेट बैंकिंग सुरक्षा मानकों में वृद्धि
1 जून, 2025 से इंटरनेट बैंकिंग के लिए नए सुरक्षा मानक लागू होंगे:
- दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) सभी लेनदेन के लिए अनिवार्य होगा।
- SSL प्रमाणपत्र की न्यूनतम बिट-लंबाई 256 बिट होगी।
- पासवर्ड नीतियों को और अधिक कड़ा किया जाएगा।
- नियमित सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य होंगे।
ये मानक साइबर हमलों से बचाव और ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
मोबाइल बैंकिंग ऐप्स के लिए नए दिशानिर्देश
RBI ने 1 जुलाई, 2025 से मोबाइल बैंकिंग ऐप्स के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं:
- ऐप्स में बायोमेट्रिक लॉगिन अनिवार्य होगा।
- ट्रांजैक्शन लिमिट सेटिंग की सुविधा होगी।
- रियल-टाइम फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम लागू होगा।
- ऐप अपडेट के लिए नियमित सुरक्षा पैच जारी किए जाएंगे।
ये दिशानिर्देश मोबाइल बैंकिंग को और अधिक सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाएंगे।
ग्राहक शिकायत निवारण प्रणाली में सुधार
1 अगस्त, 2025 से ग्राहक शिकायत निवारण प्रणाली में निम्नलिखित सुधार लागू होंगे:
- शिकायत निवारण के लिए अधिकतम समय सीमा 30 दिन से घटाकर 15 दिन की जाएगी।
- हर बैंक शाखा में एक समर्पित ग्राहक सेवा अधिकारी होगा।
- ऑनलाइन शिकायत ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य होगा।
- असंतुष्ट ग्राहकों के लिए एस्केलेशन मैट्रिक्स उपलब्ध कराया जाएगा।
ये सुधार ग्राहक संतुष्टि में वृद्धि और शिकायतों के त्वरित समाधान में मदद करेंगे।
नए नियमों का प्रभाव
RBI द्वारा जारी किए गए ये नए नियम भारतीय बैंकिंग क्षेत्र पर व्यापक प्रभाव डालेंगे:
- बैंकों के लिए प्रभाव:
- परिचालन लागत में वृद्धि
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की आवश्यकता
- बेहतर जोखिम प्रबंधन
- ग्राहकों के लिए प्रभाव:
- कुछ बैंकिंग सेवाओं की लागत में वृद्धि
- बेहतर डिजिटल बैंकिंग अनुभव
- अधिक सुरक्षित लेनदेन
- बैंकिंग क्षेत्र पर समग्र प्रभाव:
- डिजिटलीकरण में तेजी
- धोखाधड़ी में कमी
- ग्राहक सेवा में सुधार
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय या कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। हालांकि हमने सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, बैंकिंग नियमों और नीतियों में परिवर्तन हो सकता है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान या क्षति के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।