Bihar Land Survey Update: बिहार में जमीन सर्वे को लेकर नया नियम लागू! जानें डिटेल्स

बिहार सरकार ने राज्य में चल रहे व्यापक भूमि सर्वेक्षण (Land Survey) को लेकर कुछ नए नियम लागू किए हैं। यह सर्वेक्षण बिहार के सभी जिलों में चल रहा है और इसका उद्देश्य राज्य के भूमि रिकॉर्ड (Land Records) को अपडेट करना, डिजिटलाइज करना और आधुनिक बनाना है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से न केवल भूमि विवादों को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि भूमि प्रशासन में पारदर्शिता भी आएगी।

नए नियमों के तहत, सरकार ने भूमि सर्वेक्षण की समय सीमा बढ़ा दी है और कुछ प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। इससे लाखों किसानों और भूमि मालिकों को फायदा होने की उम्मीद है। आइए इस महत्वपूर्ण परियोजना के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि नए नियम क्या हैं और वे आम लोगों को कैसे प्रभावित करेंगे।

बिहार Land Survey 2025: एक नजर में

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बिहार जमीन सर्वे 2025 के बारे में मुख्य जानकारी इस प्रकार है:

विवरणजानकारी
परियोजना का नामबिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त
शुरुआत वर्ष2024
नई लक्षित पूर्णता वर्ष2026
कवर किए जाने वाले क्षेत्रबिहार के सभी 38 जिले
लक्षित राजस्व गांवलगभग 45,000
डिजिटलाइज किए जाने वाले दस्तावेज25 करोड़ से अधिक
मुख्य उद्देश्यभूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण
कार्यान्वयन एजेंसीराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार

बिहार Land Survey के प्रमुख उद्देश्य

बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए इस व्यापक भूमि सर्वेक्षण के कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:

  • सभी भूखंडों का डिजिटल मैपिंग करना
  • पुराने और अप्रचलित भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करना
  • भूमि विवादों को कम करने के लिए सटीक सीमांकन
  • भूमि प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना
  • भूमि संबंधित सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराना
  • राजस्व संग्रह में सुधार करना
  • कृषि योजना और विकास में सहायता करना

नए नियम और बदलाव

बिहार भूमि सर्वेक्षण 2025 के तहत कुछ महत्वपूर्ण नए नियम और बदलाव किए गए हैं:

  1. समय सीमा का विस्तार: सर्वेक्षण की समय सीमा को बढ़ाकर जुलाई 2026 कर दिया गया है। पहले यह जुलाई 2025 तक पूरा होना था।
  2. स्व-घोषणा की अवधि बढ़ी: जमीन मालिकों को स्व-घोषणा (Self-Declaration) जमा करने के लिए जुलाई 2025 तक का समय दिया गया है।
  3. ऑनलाइन आवेदन की सुविधा: अब भूमिधारक ऑनलाइन माध्यम से अपने भूमि दस्तावेज जमा कर सकते हैं, जिससे कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  4. डिजिटल प्लेटफॉर्म: भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन चेक करने की सुविधा दी गई है।
  5. ड्रोन और GPS तकनीक का उपयोग: भूमि का सटीक सीमांकन सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

भूमिधारकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

अगर आप बिहार में जमीन के मालिक हैं, तो आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • अपने भूमि दस्तावेजों को तैयार रखें
  • सरकारी वेबसाइट पर अपने क्षेत्र के सर्वे की जानकारी चेक करें
  • स्व-घोषणा फॉर्म सही और पूरी जानकारी के साथ भरें
  • किसी भी शंका के लिए सरकारी हेल्पलाइन या नजदीकी सर्वे कैंप से संपर्क करें
  • अपने क्षेत्र के सर्वे के दौरान उपस्थित रहने का प्रयास करें
  • सर्वे के बाद प्रकाशित ड्राफ्ट रिकॉर्ड की जांच करें और आवश्यकता पड़ने पर आपत्ति दर्ज करें

Land Survey की नई प्रक्रिया

बिहार जमीन सर्वे 2025 के तहत नई सर्वेक्षण प्रक्रिया इस प्रकार होगी:

  1. सर्वे नोटिफिकेशन: सरकार द्वारा गांव या क्षेत्र के सर्वे की घोषणा
  2. स्व-घोषणा जमा करना: भूमि मालिकों द्वारा अपने भूमि दस्तावेजों के साथ स्व-घोषणा जमा करना
  3. दस्तावेज सत्यापन: सर्वे टीम द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों का सत्यापन
  4. फील्ड सर्वे: ड्रोन और GPS तकनीक का उपयोग करके भूमि का वास्तविक सर्वेक्षण
  5. डेटा प्रोसेसिंग: एकत्र किए गए डेटा का डिजिटलीकरण और प्रोसेसिंग
  6. ड्राफ्ट रिकॉर्ड: प्रारंभिक भूमि रिकॉर्ड तैयार करना
  7. आपत्तियां और सुझाव: भूमि मालिकों से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करना
  8. अंतिम प्रकाशन: सभी आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम भूमि रिकॉर्ड का प्रकाशन

बिहार Land Survey के लाभ

इस व्यापक भूमि सर्वेक्षण से कई लाभ होने की उम्मीद है:

  1. भूमि विवादों में कमी: सटीक सीमांकन से संबंधित विवाद कम होंगे।
  2. पारदर्शी भूमि प्रशासन: डिजिटल रिकॉर्ड से भूमि लेनदेन की प्रक्रिया सहज और पारदर्शी होगी।
  3. कृषि योजना में सुधार: सटीक भूमि मानचित्र से कृषि योजना बनाने में मदद मिलेगी।
  4. निवेश को बढ़ावा: स्पष्ट भूमि रिकॉर्ड से राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
  5. शहरी विकास में मदद: बेहतर भूमि रिकॉर्ड से शहरी विकास योजनाओं में सुधार होगा।
  6. राजस्व संग्रह में वृद्धि: अपडेटेड रिकॉर्ड से राज्य का राजस्व संग्रह बढ़ेगा।
  7. डिजिटल इंडिया को बढ़ावा: यह परियोजना डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाएगी।

डिजिटल प्लेटफॉर्म और सेवाएं

बिहार लैंड सर्वे 2025 के तहत कई डिजिटल सेवाएं शुरू की गई हैं:

  1. ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड: भूमि धारक अपने रिकॉर्ड को ऑनलाइन चेक कर सकेंगे।
  2. मोबाइल एप्लीकेशन: मोबाइल ऐप के माध्यम से भूमि की जानकारी उपलब्ध होगी।
  3. इंटरैक्टिव मैप्स: GIS आधारित इंटरैक्टिव मानचित्र उपलब्ध होंगे।
  4. ई-म्यूटेशन: भूमि स्वामित्व परिवर्तन की ऑनलाइन प्रक्रिया।
  5. डिजिटल सिग्नेचर: रजिस्ट्रार द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग।

भूमि सर्वेक्षण फॉर्म कैसे भरें

भूमि सर्वेक्षण के लिए प्रपत्र-2 (स्व-घोषणा प्रपत्र) और वंशावली प्रपत्र मुख्य हैं। इन्हें भरने की प्रक्रिया:

  1. सरकारी वेबसाइट पर जाएं और रजिस्ट्रेशन करें।
  2. अपने क्षेत्र का चयन करें।
  3. आवश्यक जानकारी जैसे खाता संख्या, खेसरा नंबर आदि भरें।
  4. सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  5. फॉर्म को ध्यान से भरें और सबमिट करें।
  6. प्राप्त रसीद को सुरक्षित रखें।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। 8वें वेतन आयोग के बारे में दी गई जानकारी अभी अनुमानित है और इसमें बदलाव हो सकता है। आधिकारिक घोषणा होने तक कोई भी निर्णय न लें। सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए कृपया सरकारी वेबसाइटों या आधिकारिक सूचनाओं का संदर्भ लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी गलत या अपूर्ण जानकारी के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

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