बड़ी खबर! 21 जनवरी 2025 से बैंकिंग नियमों में बदलाव, SBI-PNB खाताधारक जरूर जानें

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। 21 जनवरी 2025 से कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होंगे जो आम जनता के बैंकिंग अनुभव को बदल देंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इन नए नियमों की घोषणा की है जो SBI, PNB जैसे सभी बड़े बैंकों पर लागू होंगे।

इन नए नियमों का उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाना है। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), क्रेडिट कार्ड, डिजिटल बैंकिंग और KYC जैसे क्षेत्रों में कई बदलाव किए गए हैं। आइए इन सभी बदलावों के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि ये आपके बैंकिंग अनुभव को कैसे प्रभावित करेंगे।

बैंकिंग नियमों में बदलाव: एक नजर में

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नए बैंकिंग नियमों का एक संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:

नियमविवरण
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) नियमNBFCs और HFCs के लिए नए FD नियम लागू
क्रेडिट कार्ड नियमएयरपोर्ट लाउंज एक्सेस के लिए न्यूनतम खर्च की शर्त
क्रेडिट डेटा अपडेटहर 15 दिन में क्रेडिट जानकारी अपडेट होगी
डिजिटल बैंकिंगऑनलाइन सेवाओं में सुधार और सुरक्षा बढ़ाई जाएगी
निष्क्रिय खातेदो साल से ज्यादा निष्क्रिय खातों पर कार्रवाई
KYC अपडेटसभी खातों के लिए KYC अपडेट अनिवार्य
UPI लिमिटUPI 123Pay की लिमिट बढ़कर 10,000 रुपये
EPFO नियमपेंशनर्स के लिए नए नियम लागू

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के नए नियम

RBI ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट के नए नियम जारी किए हैं। ये नियम 21 जनवरी 2025 से लागू होंगे और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करेंगे।

प्रमुख बदलाव:

  • समय से पहले निकासी: 10,000 रुपये तक की छोटी जमा राशि को 3 महीने के अंदर बिना ब्याज के निकाला जा सकता है।
  • आंशिक निकासी: बड़ी जमा राशि के लिए, मूल राशि का 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) 3 महीने के अंदर बिना ब्याज के निकाला जा सकता है।
  • गंभीर बीमारी: गंभीर बीमारी के मामले में पूरी मूल राशि बिना ब्याज के निकाली जा सकती है।
  • परिपक्वता सूचना: NBFCs को जमा की परिपक्वता से कम से कम दो सप्ताह पहले जमाकर्ताओं को सूचित करना होगा।

इन नियमों से जमाकर्ताओं को अधिक लचीलापन मिलेगा और उनके पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

क्रेडिट कार्ड के नए नियम

बैंकों ने क्रेडिट कार्ड के नियमों में भी कुछ बदलाव किए हैं जो 21 जनवरी 2025 से लागू होंगे। इन बदलावों का उद्देश्य क्रेडिट कार्ड के उपयोग को और अधिक सुरक्षित और लाभदायक बनाना है।

प्रमुख बदलाव:

  • एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस: कई बैंक एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस के लिए न्यूनतम खर्च की शर्त लागू कर रहे हैं।
  • रिवॉर्ड पॉइंट्स: UPI लेनदेन पर रिवॉर्ड पॉइंट्स की सीमा में बदलाव किया गया है।
  • सुविधाओं में बदलाव: कुछ बैंक अपने क्रेडिट कार्ड की सुविधाओं में बदलाव कर रहे हैं।

ग्राहकों को अपने बैंक से संपर्क करके अपने क्रेडिट कार्ड के नए नियमों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए।

क्रेडिट डेटा अपडेट के नए नियम

RBI ने क्रेडिट जानकारी के अपडेट के लिए नए नियम बनाए हैं। इन नियमों का उद्देश्य क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को अधिक सटीक और अप-टू-डेट रखना है।

प्रमुख बदलाव:

  • अपडेट की आवृत्ति: क्रेडिट जानकारी हर 15 दिन में अपडेट की जाएगी।
  • तेज अपडेट: पहले यह अपडेट मासिक होता था, अब यह दो बार होगा – महीने की 15 तारीख और आखिरी दिन।
  • सटीक जानकारी: इससे क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट अधिक सटीक और अप-टू-डेट रहेंगे।

यह बदलाव ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि उनकी क्रेडिट प्रोफाइल अधिक अप-टू-डेट रहेगी।

डिजिटल बैंकिंग में सुधार

बैंक डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को और बेहतर बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। इन सुधारों का उद्देश्य ग्राहकों को बेहतर और सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग अनुभव प्रदान करना है।

प्रमुख बदलाव:

  • सुरक्षा बढ़ाना: ऑनलाइन लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
  • यूजर इंटरफेस: मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग का यूजर इंटरफेस बेहतर किया जाएगा।
  • नई सुविधाएं: कई नई डिजिटल सेवाएं शुरू की जाएंगी।

इन बदलावों से ग्राहकों को बेहतर और सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग अनुभव मिलेगा।

निष्क्रिय खातों पर कार्रवाई

बैंक लंबे समय से निष्क्रिय पड़े खातों पर कार्रवाई करेंगे। यह कदम बैंकिंग सिस्टम में सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी रोकने के लिए उठाया गया है।

प्रमुख बदलाव:

  • निष्क्रिय खाते: दो साल से ज्यादा समय से निष्क्रिय खातों को बंद किया जा सकता है।
  • सूचना: खाताधारकों को पहले सूचित किया जाएगा।
  • सक्रिय करना: खाताधारक अपने खाते को फिर से सक्रिय कर सकते हैं।

ग्राहकों को अपने खातों को नियमित रूप से सक्रिय रखना चाहिए ताकि वे इस कार्रवाई से बच सकें।

KYC अपडेट अनिवार्य

सभी बैंक खातों के लिए KYC (Know Your Customer) अपडेट अनिवार्य किया गया है। यह कदम बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया गया है।

प्रमुख बदलाव:

  • समय-समय पर अपडेट: ग्राहकों को नियमित रूप से अपना KYC अपडेट करना होगा।
  • डिजिटल KYC: कई बैंक डिजिटल KYC की सुविधा दे रहे हैं।
  • समय सीमा: KYC अपडेट न करने पर खाता फ्रीज हो सकता है।

ग्राहकों को अपने KYC को समय पर अपडेट करना चाहिए ताकि उनके खाते निर्बाध रूप से चालू रहें।

UPI लिमिट में बदलाव

UPI (Unified Payments Interface) पेमेंट सिस्टम में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को और अधिक सुविधाजनक बनाना है।

प्रमुख बदलाव:

  • UPI 123Pay की लिमिट: UPI 123Pay की लिमिट बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है।
  • फीचर फोन यूजर्स: फीचर फोन यूजर्स भी अब 10,000 रुपये तक का UPI लेनदेन कर सकेंगे।
  • डिजिटल इंक्लूजन: इस बदलाव से डिजिटल पेमेंट का दायरा बढ़ेगा।

यह बदलाव विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों के लिए फायदेमंद होगा।

EPFO नियमों में बदलाव

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने भी कुछ नए नियम लागू किए हैं। ये नियम पेंशनर्स के लिए विशेष रूप से लाभदायक हैं।

प्रमुख बदलाव:

  • पेंशन निकासी: पेंशनर्स अब देश के किसी भी बैंक से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे।
  • सरल प्रक्रिया: अतिरिक्त वेरिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
  • केंद्रीय प्रणाली: पेंशन भुगतान के लिए एक केंद्रीय प्रणाली लागू की जाएगी।

इन बदलावों से पेंशनर्स को अपनी पेंशन प्राप्त करने में आसानी होगी।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि हमने सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, फिर भी बैंकिंग नियमों और नीतियों में अचानक बदलाव हो सकते हैं। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें। यह लेख किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह नहीं है।

इस लेख में उल्लिखित तिथि (21 जनवरी 2025) और विवरण काल्पनिक हैं और केवल उदाहरण के लिए प्रयोग किए गए हैं। वास्तविक बैंकिंग नियम और बदलाव इससे भिन्न हो सकते हैं। हमेशा अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या कस्टमर केयर से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।

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