कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) भारत के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में से एक हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। हाल ही में, EPF पेंशनरों द्वारा न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति माह करने और महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि की मांग की गई है।
इस लेख में हम EPF पेंशन में प्रस्तावित बदलावों, वर्तमान स्थिति, और सरकार के रुख के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही यह भी समझेंगे कि इन बदलावों का कर्मचारियों और पेंशनरों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
EPF और EPS क्या है?
EPF और EPS दो अलग-अलग लेकिन संबंधित योजनाएं हैं जो कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट बेनिफिट्स प्रदान करती हैं:
विवरण | EPF | EPS |
पूरा नाम | Employees’ Provident Fund | Employees’ Pension Scheme |
शुरू होने का वर्ष | 1952 | 1995 |
उद्देश्य | रिटायरमेंट सेविंग्स | मासिक पेंशन |
कर्मचारी योगदान | बेसिक सैलरी का 12% | कुछ नहीं |
नियोक्ता योगदान | बेसिक सैलरी का 3.67% | बेसिक सैलरी का 8.33% |
लाभ | एकमुश्त राशि | मासिक पेंशन |
न्यूनतम सेवा अवधि | कोई नहीं | 10 वर्ष |
वर्तमान न्यूनतम पेंशन | लागू नहीं | 1000 रुपये/माह |
न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये करने की मांग
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में, EPS के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपये है। यह राशि 2014 में तय की गई थी और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। कई पेंशनर्स संगठनों का कहना है कि यह राशि बहुत कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है।
प्रस्तावित बदलाव
- EPS-95 National Agitation Committee ने न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति माह करने की मांग की है।
- साथ ही महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि और पेंशनरों और उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा उपचार की भी मांग की गई है।
सरकार का रुख
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने EPS-95 पेंशनरों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
- श्रम मंत्रालय ने पहले ही न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 2000 रुपये करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा था, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली थी।
महंगाई भत्ते में वृद्धि
वर्तमान स्थिति
- केंद्र सरकार ने हाल ही में DA और DR को 3% बढ़ाकर 53% कर दिया है।
- यह वृद्धि 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी है।
प्रभाव
- इस वृद्धि से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को लाभ होगा।
- EPF पेंशनरों के लिए अभी तक कोई DA वृद्धि की घोषणा नहीं की गई है।
EPF पेंशन कैलकुलेशन
EPS के तहत पेंशन की गणना इस फॉर्मूले से की जाती है:
मासिकपेंशन=पेंशनयोग्यवेतन×पेंशनयोग्यसेवा70
मासिकपेंशन=
70
पेंशनयोग्यवेतन×पेंशनयोग्यसेवा
- पेंशनयोग्य वेतन: अंतिम 60 महीनों का औसत वेतन (अधिकतम 15,000 रुपये)
- पेंशनयोग्य सेवा: EPS में योगदान के कुल वर्ष
उदाहरण: यदि किसी कर्मचारी का पेंशनयोग्य वेतन 15,000 रुपये है और उसने 30 वर्ष सेवा की है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:
15,000×3070=6,428
70
15,000×30
=6,428
प्रस्तावित बदलावों का प्रभाव
अगर न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये प्रति माह की जाती है, तो इसका निम्नलिखित प्रभाव हो सकता है:
- लगभग 65 लाख पेंशनरों को लाभ होगा
- पेंशनरों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी
- सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा
- EPF योजना की दीर्घकालिक स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
- Universal Account Number (UAN): हर EPF सदस्य को एक unique UAN दिया जाता है जो उनके सभी EPF खातों को लिंक करता है।
- Online सुविधाएं: EPFO ने कई online सेवाएं शुरू की हैं जैसे UAN activation, पासबुक देखना, KYC अपडेट करना आदि।
- Withdrawal Rules: EPF से पैसे निकालने के लिए कुछ शर्तें हैं जैसे बेरोजगारी, शादी, घर खरीदना आदि।
- Tax Benefits: EPF में योगदान और ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। न्यूनतम पेंशन में वृद्धि और महंगाई भत्ते के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है, लेकिन अंतिम निर्णय अभी लिया जाना बाकी है। कृपया किसी भी कार्रवाई करने से पहले EPFO की आधिकारिक वेबसाइट या अधिकृत स्रोतों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।