बैंक FD पर 5 बड़े बदलाव: जानें कैसे मिलेगी ज्यादा मुनाफा! Bank FD new rules guidelines

Bank FD new rules guidelines: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से संबंधित नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नए नियम 1 जनवरी, 2025 से लागू हो गए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना और बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना है। नए नियम मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) पर लागू होते हैं।

इन नए नियमों के तहत, जमाकर्ताओं को अपनी FD को समय से पहले निकालने की अधिक सुविधा मिलेगी। साथ ही, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जमाकर्ताओं को FD की परिपक्वता के बारे में समय पर सूचित करना होगा। इन बदलावों से जमाकर्ताओं को अपने पैसे का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।

बैंक FD नियमों में बदलाव: एक नज़र में

बदलावविवरण
समय पूर्व निकासी10,000 रुपये तक की FD 3 महीने में बिना ब्याज के निकाल सकते हैं
आंशिक निकासीबड़ी FD का 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) 3 महीने में निकाल सकते हैं
गंभीर बीमारीपूरी राशि बिना ब्याज के निकाल सकते हैं
परिपक्वता सूचनाकम से कम 14 दिन पहले सूचित करना अनिवार्य
नॉमिनेशनFD खोलते समय नॉमिनी का नाम देना अनिवार्य
क्रेडिट डेटा अपडेटहर 15 दिन में क्रेडिट जानकारी अपडेट होगी

समय पूर्व FD निकासी के नए नियम

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RBI के नए नियमों के अनुसार, अब जमाकर्ता छोटी FD को आसानी से समय से पहले निकाल सकते हैं। 10,000 रुपये तक की FD को जमा करने के 3 महीने के भीतर बिना किसी ब्याज के निकाला जा सकता है। यह नियम छोटे निवेशकों के लिए बहुत फायदेमंद है, जो अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर अपनी FD तोड़ना चाहते हैं।

बड़ी राशि की FD के लिए भी नियम में ढील दी गई है। अब जमाकर्ता अपनी FD का 50% हिस्सा या अधिकतम 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) 3 महीने के भीतर बिना ब्याज के निकाल सकते हैं। यह सुविधा उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो अपनी FD को पूरी तरह से तोड़ना नहीं चाहते, लेकिन कुछ पैसों की तत्काल आवश्यकता है।

गंभीर बीमारी के मामले में FD निकासी

RBI ने गंभीर बीमारी के मामलों में FD निकासी के नियमों को और भी उदार बनाया है। अब किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में जमाकर्ता अपनी पूरी FD राशि को बिना किसी ब्याज कटौती के निकाल सकते हैं। यह नियम FD की अवधि पर ध्यान दिए बिना लागू होगा। यह बदलाव उन परिवारों के लिए बहुत राहत देने वाला है जो अचानक बड़े मेडिकल खर्चों का सामना कर रहे हैं।

FD परिपक्वता सूचना में बदलाव

नए नियमों के तहत, अब NBFCs और HFCs को FD की परिपक्वता से कम से कम 14 दिन पहले जमाकर्ताओं को सूचित करना होगा। यह नियम जमाकर्ताओं को अपने पैसों की बेहतर योजना बनाने में मदद करेगा। पहले यह अवधि 2 महीने थी, जिसे अब घटाकर 14 दिन कर दिया गया है। इससे जमाकर्ताओं को अपनी FD के बारे में समय पर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

FD पर नॉमिनेशन अनिवार्य

RBI ने FD खोलते समय नॉमिनी का नाम देना अनिवार्य कर दिया है। यह नियम जमाकर्ता की मृत्यु की स्थिति में पैसों के हस्तांतरण को आसान बनाएगा। नॉमिनेशन से संबंधित कोई भी बदलाव लिखित रूप में करना होगा और बैंक या वित्तीय संस्थान को इसकी पुष्टि करनी होगी।

क्रेडिट इंफॉर्मेशन अपडेट में बदलाव

RBI ने क्रेडिट इंफॉर्मेशन अपडेट के नियमों में भी बदलाव किया है। अब बैंक और वित्तीय संस्थान हर 15 दिन में क्रेडिट जानकारी को अपडेट करेंगे। पहले यह अपडेट महीने में एक बार होता था। इस बदलाव से क्रेडिट स्कोर की गणना अधिक सटीक होगी और लोगों को लोन लेने में आसानी होगी।

SBI और HDFC बैंक की FD दरों में बढ़ोतरी

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और HDFC बैंक ने अपनी FD दरों में बढ़ोतरी की है। SBI ने विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए FD दरों में 10 आधार अंकों की वृद्धि की है। वहीं HDFC बैंक ने बल्क डिपॉजिट (5 करोड़ रुपये और उससे अधिक) पर रिटर्न को 5-10 आधार अंकों तक बढ़ाया है। यह बढ़ोतरी जमाकर्ताओं के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि इससे उन्हें अपने निवेश पर अधिक रिटर्न मिलेगा।

UPI और क्रेडिट कार्ड में बदलाव

नए साल में UPI और क्रेडिट कार्ड से संबंधित कुछ नियमों में भी बदलाव हुआ है। BOBCARD ने अपने क्रेडिट कार्ड की शर्तों और सुविधाओं में कुछ बदलाव किए हैं। UPI लेनदेन पर रिवॉर्ड पॉइंट्स की सीमा हटा दी गई है, जो पहले प्रति स्टेटमेंट साइकल 500 पॉइंट्स तक सीमित थी। इसके अलावा, एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस के नियमों में भी बदलाव किया गया है।

किसानों के लिए लोन लिमिट में बढ़ोतरी

2025 में किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। अब किसान 2 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के ले सकते हैं। पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपये थी। यह बदलाव किसानों को अपने खेती-बाड़ी के काम के लिए आसानी से वित्तीय मदद लेने में सहायक होगा।

टैक्स सेवर निवेश के लिए समय सीमा

जनवरी 2025 में कई कंपनियां अपने कर्मचारियों से टैक्स सेवर निवेश के प्रमाण मांगेंगी। यह वित्तीय वर्ष के दौरान किए गए टैक्स बचत वाले निवेशों से संबंधित है। कर्मचारियों को अपने निवेश के प्रमाण समय पर जमा करने चाहिए ताकि उनके वेतन से सही कर कटौती हो सके।

Disclaimer:

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि इसमें दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है, फिर भी निवेश या वित्तीय निर्णय लेने से पहले किसी पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना सुनिश्चित करें। बैंकिंग नियमों और नीतियों में बदलाव हो सकता है, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए अपने बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क करें।

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