भारतीय अर्थव्यवस्था में करेंसी नोट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर दिन हम इन नोटों का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये नोट कैसे तैयार होते हैं? करेंसी नोट छपाई एक जटिल और सुरक्षित प्रक्रिया है जिसमें कई चरण शामिल होते हैं। इस लेख में हम भारतीय करेंसी नोट छपाई की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानेंगे।
भारत में करेंसी नोट छपाई का काम भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा किया जाता है। यह एक बहुत ही सावधानीपूर्वक और नियंत्रित प्रक्रिया है जिसमें उच्च सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है। नोट छपाई के लिए विशेष कागज, स्याही और तकनीकों का उपयोग किया जाता है ताकि नकली नोटों के निर्माण को रोका जा सके।
भारतीय करेंसी नोट छपाई प्रक्रिया का Overview
विवरण | जानकारी |
नोट छपाई के लिए जिम्मेदार संस्थाएं | भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) |
भारत में नोट छपाई केंद्र | देवास, नासिक, मैसूर और सालबोनी |
नोट छपाई के लिए कागज का स्रोत | आयातित और स्थानीय स्तर पर निर्मित |
विशेष स्याही का स्रोत | स्विट्जरलैंड की कंपनी SICPA और भारत की वर्णिका यूनिट |
एक शीट में छपने वाले नोटों की संख्या | 32 से 48 |
नोट छपाई की मुख्य मशीनें | सायमंटन और इंटाब्यू |
नोट छपाई की लागत (10 रुपये का नोट) | लगभग 96 पैसे प्रति नोट |
Currency Note Printing Process: शुरुआत से अंत तक
1. नोट छपाई की योजना और अनुमति
नोट छपाई प्रक्रिया की शुरुआत योजना और अनुमति से होती है। RBI हर साल अलग-अलग मूल्यवर्ग के नोटों की आवश्यकता का अनुमान लगाता है। इस अनुमान के आधार पर, RBI केंद्र सरकार को नोट छपाई के लिए प्रस्ताव भेजता है। सरकार RBI के वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों के एक बोर्ड के साथ चर्चा करके अंतिम निर्णय लेती है।
2. कागज और स्याही की व्यवस्था
अनुमति मिलने के बाद, विशेष कागज और स्याही की व्यवस्था की जाती है। नोटों के लिए इस्तेमाल होने वाला कागज आम कागज से अलग होता है। इसमें कपास और कुछ विशेष फाइबर का मिश्रण होता है जो नोटों को मजबूती प्रदान करता है।
- कागज का स्रोत:
- 80% कागज जर्मनी, यूके और जापान से आयात किया जाता है
- 20% कागज भारत के होशंगाबाद स्थित सिक्योरिटी पेपर मिल में बनाया जाता है
- स्याही का स्रोत:
- मुख्य रूप से स्विट्जरलैंड की कंपनी SICPA से आयात
- कुछ स्याही भारत की वर्णिका यूनिट में भी बनाई जाती है
3. डिजाइन और सुरक्षा विशेषताएं
हर नोट का डिजाइन बहुत सावधानी से तैयार किया जाता है। इसमें कई सुरक्षा विशेषताएं शामिल की जाती हैं जैसे:
- वॉटरमार्क
- सुरक्षा धागा
- लेटेंट इमेज
- माइक्रो लेटरिंग
- ऑप्टिकली वेरिएबल इंक
- इनटैगलियो प्रिंटिंग
4. छपाई प्रक्रिया
नोटों की छपाई विशेष मशीनों में की जाती है। यह प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है:
- सायमंटन मशीन: इसमें कागज की शीट डाली जाती है।
- इंटाब्यू मशीन: यह मशीन नोटों पर रंग चढ़ाती है।
- नंबरिंग: हर नोट पर एक विशिष्ट नंबर छापा जाता है।
- कटाई और छंटाई: नोटों को काटा जाता है और खराब नोटों को अलग किया जाता है।
एक शीट में 32 से 48 नोट छप सकते हैं।
5. गुणवत्ता जांच और पैकेजिंग
छपे हुए नोटों की गुणवत्ता जांच की जाती है। इसमें नोटों के रंग, आकार, सुरक्षा विशेषताओं आदि की जांच शामिल है। सही नोटों को गिना जाता है और पैक किया जाता है।
6. वितरण और सर्कुलेशन
तैयार नोट RBI के क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजे जाते हैं। वहां से ये नोट बैंकों को वितरित किए जाते हैं। बैंक इन नोटों को ATM और काउंटर के माध्यम से जनता तक पहुंचाते हैं।
Currency Note Printing Centers in India
भारत में चार जगहों पर करेंसी नोट छापे जाते हैं:
- देवास, मध्य प्रदेश: 1975 में स्थापित, यहां 20, 50, 100 और 500 रुपये के नोट छापे जाते हैं।
- नासिक, महाराष्ट्र: भारत की सबसे पुरानी प्रिंटिंग प्रेस, 1926 में स्थापित।
- मैसूर, कर्नाटक: 1999 में शुरू हुई।
- सालबोनी, पश्चिम बंगाल: 2000 में स्थापित।
देवास और नासिक की प्रेस वित्त मंत्रालय के अधीन हैं, जबकि मैसूर और सालबोनी की प्रेस RBI की सहायक कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित हैं।
नोट छपाई की लागत
अलग-अलग मूल्यवर्ग के नोटों की छपाई लागत अलग-अलग होती है:
- 10 रुपये का नोट: 96 पैसे
- 20 रुपये का नोट: 95 पैसे
- 50 रुपये के 1000 नोट: 1130 रुपये
- 100 रुपये के 1000 नोट: 1770 रुपये
- 200 रुपये के 1000 नोट: 2370 रुपये
- 500 रुपये के 1000 नोट: 2290 रुपये
नोटों का जीवनकाल और नष्टीकरण
हर नोट का एक निश्चित जीवनकाल होता है। जब नोट पुराने या खराब हो जाते हैं, तो उन्हें चलन से वापस ले लिया जाता है। पहले इन नोटों को जलाया जाता था, लेकिन अब एक विशेष मशीन से इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। फिर इन टुकड़ों को गलाकर ईंटें बनाई जाती हैं।
भारतीय करेंसी नोट की विशेषताएं
भारतीय करेंसी नोट कई विशिष्ट विशेषताओं से युक्त होते हैं:
- भाषाएं: हर नोट पर 15 भारतीय भाषाओं में मूल्य लिखा होता है।
- राष्ट्रीय प्रतीक: अशोक स्तंभ का चिन्ह हर नोट पर होता है।
- महात्मा गांधी श्रृंखला: 1996 से सभी नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर छपती है।
- रंग: हर मूल्यवर्ग के नोट का अलग रंग होता है।
नोट छपाई में नवीनतम तकनीकें
भारत लगातार नोट छपाई तकनीक में सुधार कर रहा है। कुछ नवीनतम तकनीकें हैं:
- पॉलिमर नोट: ये नोट कागज के बजाय प्लास्टिक से बने होते हैं और ज्यादा टिकाऊ होते हैं।
- RFID चिप: कुछ देशों में नोटों में RFID चिप लगाई जा रही है जो नोट की ट्रैकिंग में मदद करती है।
- होलोग्राम: 3D होलोग्राम नकली नोटों को रोकने में मदद करते हैं।
Disclaimer
यह लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। करेंसी नोट छपाई एक अत्यंत गोपनीय और सुरक्षित प्रक्रिया है जिसकी पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती। इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है और समय के साथ बदल सकती है। नोट छपाई या उसके विवरण के बारे में किसी भी प्रकार की गतिविधि गैरकानूनी है और दंडनीय अपराध है।