Delhi Pollution: दिल्ली में फिर पैर पसार रहा वायु प्रदूषण, ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचा AQI; जानिए NCR का हाल

दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण एक बार फिर बढ़ने लगा है। कुछ दिनों की राहत के बाद अब फिर से हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है। रविवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 233 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। यह आंकड़ा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी किया गया है।

पिछले तीन दिनों से दिल्ली की हवा में सुधार देखा गया था, लेकिन अब फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। शनिवार को 38 में से 30 निगरानी केंद्रों ने ‘खराब’ श्रेणी की हवा की सूचना दी, जबकि दो केंद्रों ने ‘बहुत खराब’ श्रेणी की हवा दर्ज की। बाकी केंद्रों ने ‘मध्यम’ श्रेणी की हवा की जानकारी दी। प्रदूषण के मुख्य कारकों में PM2.5 और PM10 के कण शामिल हैं।

दिल्ली प्रदूषण का ओवरव्यू

विवरणजानकारी
वर्तमान AQI233 (खराब श्रेणी)
मुख्य प्रदूषकPM2.5 और PM10
प्रभावित क्षेत्रदिल्ली-NCR
सबसे खराब AQI (2024)795 (18 नवंबर, 2024)
सुधार के उपायGRAP के तहत प्रतिबंध
स्वास्थ्य प्रभावसांस की समस्याएं, आंखों में जलन
भविष्य का अनुमानअगले 2-3 दिन खराब श्रेणी में रहने की संभावना

NCR शहरों का हाल: कहीं राहत तो कहीं चिंता

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दिल्ली के आसपास के शहरों में हवा की गुणवत्ता में मिला-जुला रुख देखने को मिल रहा है। गुरुग्राम और नोएडा में लोगों को थोड़ी राहत मिली है, जहां हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में आ गई है। लेकिन गाजियाबाद में अभी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जहां हवा ‘खराब’ श्रेणी में है।

एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के अनुसार, दिल्ली का AQI रविवार और सोमवार को ‘खराब’ श्रेणी में ही रहने की संभावना है। लेकिन मंगलवार को इसके ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जाने का अनुमान है। यह स्थिति चिंता का विषय है क्योंकि इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

AQI की श्रेणियां और उनका मतलब

CPCB ने AQI को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा है:

  • 0-50: अच्छा
  • 51-100: संतोषजनक
  • 101-200: मध्यम
  • 201-300: खराब
  • 301-400: बहुत खराब
  • 401-500: गंभीर

इस वर्गीकरण से लोग आसानी से समझ सकते हैं कि हवा की गुणवत्ता कितनी खराब है और उन्हें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

GRAP: प्रदूषण से निपटने का प्लान

वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया है। इसके तहत प्रदूषण के स्तर के हिसाब से अलग-अलग कदम उठाए जाते हैं। हाल ही में, हवा में थोड़ा सुधार होने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP के स्टेज III और IV के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को हटा दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को अनुमति दी है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में GRAP के स्टेज IV से स्टेज II तक प्रतिबंधों को कम कर सकता है। लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर AQI फिर से 350 के पार जाता है, तो तुरंत स्टेज III के उपाय लागू करने होंगे। और अगर AQI 400 को पार करता है, तो स्टेज IV के उपाय फिर से शुरू करने होंगे।

प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर

बढ़ते प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। कुछ आम समस्याएं हैं:

  • सुबह गले में खराश
  • सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण
  • सांस लेने में तकलीफ
  • आंखों में जलन

अस्थमा के मरीजों और सांस की समस्या वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। उनके लिए दिल्ली की हवा “गैस चैंबर” जैसी हो गई है।

प्रदूषण के कारण और समाधान

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कई कारण हैं:

  1. पराली जलाना: पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा फसल के अवशेष जलाने से दिल्ली में धुआं पहुंचता है।
  2. सर्दी का मौसम: ठंड के दिनों में हवा ठहर जाती है, जिससे प्रदूषक नीचे फंस जाते हैं।
  3. जनसंख्या वृद्धि: बढ़ती आबादी के कारण वाहनों की संख्या और ऊर्जा खपत बढ़ी है।
  4. ट्रैफिक जाम: सड़कों पर वाहनों की भीड़ से निकलने वाला धुआं प्रदूषण बढ़ाता है।

इन समस्याओं से निपटने के लिए कुछ उपाय किए जा रहे हैं:

  • पराली जलाने पर रोक और किसानों को वैकल्पिक तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहन
  • सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन
  • हरित क्षेत्रों का विस्तार

भविष्य की चुनौतियां और उम्मीदें

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। हालांकि सरकार और नागरिक समाज के प्रयासों से कुछ सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। आने वाले दिनों में कुछ चुनौतियां हैं:

  • बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण
  • औद्योगिक विकास और प्रदूषण का संतुलन
  • पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय
  • जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

लेकिन कुछ उम्मीदें भी हैं:

  • नई तकनीकों का विकास जो प्रदूषण कम करने में मदद कर सकती हैं
  • लोगों में बढ़ती जागरूकता
  • सरकार की ओर से सख्त नियम और उनका प्रभावी क्रियान्वयन

क्या कर सकते हैं आम लोग?

हर नागरिक प्रदूषण कम करने में अपना योगदान दे सकता है:

  • सार्वजनिक परिवहन या साइकिल का उपयोग करें
  • घर के आसपास पेड़-पौधे लगाएं
  • प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें
  • बिजली और पानी की बचत करें
  • कूड़े को अलग-अलग करके फेंकें

इन छोटे-छोटे कदमों से मिलकर बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

निष्कर्ष

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर है, लेकिन असमाधेय नहीं। सरकार, नागरिक समाज और आम जनता के संयुक्त प्रयासों से इस चुनौती से निपटा जा सकता है। जरूरत है लगातार प्रयास करने और धैर्य रखने की। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि आने वाले समय में दिल्ली की हवा साफ और स्वच्छ होगी, जहां हर नागरिक स्वस्थ जीवन जी सकेगा।

Disclaimer

यह लेख वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। हालांकि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या वास्तविक है, लेकिन स्थिति लगातार बदलती रहती है। AQI के आंकड़े दिन-प्रतिदिन और यहां तक कि घंटे-घंटे बदल सकते हैं। इसलिए, पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें। साथ ही, प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाते रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

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