TC vs TTE: क्या आप जानते हैं रेलवे में दोनों का रोल? जानें Ticket Checking की हर छोटी-बड़ी बात

भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है, जो लाखों यात्रियों को हर दिन उनकी मंजिल तक पहुंचाने का काम करता है। रेलवे में यात्रियों की सुविधा और टिकट प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए Ticket Checker (TC) और Travelling Ticket Examiner (TTE) जैसे महत्वपूर्ण पद होते हैं।

इन दोनों पदों के कार्य, जिम्मेदारियां और अधिकार अलग-अलग होते हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि रेलवे में कितने प्रकार के Ticket Checker होते हैं, TC और TTE में क्या अंतर है, और भारतीय रेलवे में TTE का Job Profile क्या होता है।

रेलवे में Ticket Checker के प्रकार

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भारतीय रेलवे में टिकट चेकिंग से जुड़े मुख्यतः दो प्रकार के कर्मचारी होते हैं:

  1. Ticket Checker (TC)
  2. Travelling Ticket Examiner (TTE)

इन दोनों पदों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी यात्री वैध टिकट के साथ यात्रा करें और रेलवे नियमों का पालन हो। हालांकि, इनकी जिम्मेदारियां और कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

Ticket Checker (TC)

Ticket Checker, जिसे हिंदी में “टिकट जांचकर्ता” कहा जाता है, का मुख्य कार्य प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के टिकट की जांच करना होता है। TC यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी यात्री बिना वैध टिकट के प्लेटफॉर्म पर प्रवेश न करे या ट्रेन में न चढ़े।

TC की जिम्मेदारियां:

  • प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के टिकट चेक करना।
  • बिना टिकट वाले यात्रियों पर जुर्माना लगाना।
  • प्लेटफॉर्म पर व्यवस्था बनाए रखना।
  • Inquiry Counter पर यात्रियों की सहायता करना।

TC के कार्यक्षेत्र:

  • TC केवल प्लेटफॉर्म पर ही टिकट चेक करता है, ट्रेन के अंदर नहीं।
  • सीट अलॉटमेंट या टिकट से संबंधित कोई लेन-देन नहीं करता।

Travelling Ticket Examiner (TTE)

Travelling Ticket Examiner, जिसे हिंदी में “यात्रा टिकट परीक्षक” कहा जाता है, का काम ट्रेन के अंदर यात्रियों के टिकट की जांच करना होता है। इसके अलावा, TTE यात्रियों को सीट अलॉट करने और यात्रा को सुगम बनाने में भी मदद करता है।

TTE की जिम्मेदारियां:

  • ट्रेन के अंदर सभी यात्रियों के टिकट चेक करना।
  • बिना टिकट यात्रा करने वालों पर जुर्माना लगाना।
  • खाली सीटों को जरूरतमंद यात्रियों को आवंटित करना।
  • यात्रा के दौरान किसी भी समस्या का समाधान करना।

TTE के कार्यक्षेत्र:

  • TTE ट्रेन के अंदर काम करता है और यात्रा पूरी होने तक अपनी ड्यूटी निभाता है।
  • टीटीई को सीट अलॉटमेंट का अधिकार होता है।
  • वह ऑनबोर्ड टिकट से संबंधित लेन-देन कर सकता है।

TC vs TTE: अंतर की तुलना

पैरामीटरTicket Checker (TC)Travelling Ticket Examiner (TTE)
कार्य स्थानप्लेटफॉर्मट्रेन के अंदर
टिकट जांचप्लेटफॉर्म परट्रेन यात्रा के दौरान
सीट अलॉटमेंटनहींहां
जुर्माना लगाने का अधिकारहांहां
टिकट लेन-देननहींहां
समस्या समाधानप्लेटफॉर्म तक सीमितयात्रा के दौरान

भारतीय रेलवे में TTE का Job Profile

भारतीय रेलवे में TTE का काम बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वह न केवल टिकट चेक करता है बल्कि यात्री अनुभव को बेहतर बनाने में भी योगदान देता है। आइए जानें TTE की नौकरी से जुड़ी कुछ खास बातें:

TTE की प्रमुख जिम्मेदारियां:

  • सभी यात्री वैध टिकट लेकर यात्रा कर रहे हैं, यह सुनिश्चित करना।
  • खाली सीटों को उचित शुल्क लेकर आवंटित करना।
  • बिना टिकट यात्रा करने वालों पर जुर्माना लगाना और उनसे वसूली करना।
  • किसी भी विवाद या समस्या का समाधान करना, जैसे कि सीट विवाद या अन्य शिकायतें।

TTE बनने की योग्यता:

  • कम से कम 12वीं पास होना चाहिए।
  • आयु सीमा 18 से 30 वर्ष होती है (आरक्षित वर्ग को छूट मिलती है)।
  • लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण और साक्षात्कार पास करना आवश्यक होता है।

TTE की सैलरी और भत्ते:

भारतीय रेलवे में TTE को आकर्षक वेतन और कई भत्ते मिलते हैं:

  1. बेसिक पे: ₹21,700 प्रति माह (7वें वेतन आयोग के अनुसार)।
  2. महंगाई भत्ता (DA): ₹3,689 प्रति माह।
  3. हाउस रेंट अलाउंस (HRA): ₹1,800 से ₹5,400 तक (शहर वर्गीकरण पर निर्भर)।
  4. यात्रा भत्ता: ₹2,106 से ₹4,212 तक।

कुल मासिक वेतन: ₹35,000 – ₹45,000 (लगभग)

TC और TTE बनने की प्रक्रिया

यदि आप भारतीय रेलवे में TC या TTE बनना चाहते हैं तो नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  1. शैक्षणिक योग्यता: 12वीं पास होना अनिवार्य है।
  2. आवेदन प्रक्रिया: रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) द्वारा जारी अधिसूचना देखें और ऑनलाइन आवेदन करें।
  3. लिखित परीक्षा: उम्मीदवारों को कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) देना होता है जिसमें सामान्य ज्ञान, गणित और रीजनिंग शामिल होते हैं।
  4. शारीरिक परीक्षण: चयनित उम्मीदवारों को शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करनी होती है।
  5. दस्तावेज़ सत्यापन: अंतिम चरण दस्तावेज़ सत्यापन का होता है जिसके बाद नियुक्ति दी जाती है।

भारतीय रेलवे में TC और TTE की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?

भारतीय रेलवे जैसे विशाल नेटवर्क में अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी होता है ताकि यात्री सुरक्षित और आरामदायक यात्रा कर सकें। TC और TTE इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे सुनिश्चित करते हैं कि:

  • कोई भी यात्री बिना वैध टिकट यात्रा न करे।
  • खाली सीटों का सही उपयोग हो सके।
  • किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो और नियमों का पालन हो।

निष्कर्ष

भारतीय रेलवे में Ticket Checker (TC) और Travelling Ticket Examiner (TTE) दोनों ही महत्वपूर्ण पद हैं जो रेल सेवा को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं। जहां TC प्लेटफॉर्म पर व्यवस्था बनाए रखने का काम करता है, वहीं TTE ट्रेन के अंदर यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करता है।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है ताकि पाठकों को भारतीय रेलवे में TC और TTE की भूमिका समझने में मदद मिल सके।

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