प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है। यह योजना 17 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई थी और इसका उद्देश्य कारीगरों को आधुनिक तकनीक, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच प्रदान करना है।
इस योजना के तहत, कारीगरों को Udyam Assist Certificate दिया जाता है, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह प्रमाणपत्र न केवल उनकी पहचान को मान्यता देता है, बल्कि उन्हें विभिन्न सरकारी लाभों और योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है। आइए इस लेख में हम PM Vishwakarma योजना और Udyam Assist Certificate के बारे में विस्तार से जानें।
PM Vishwakarma योजना की मुख्य जानकारी
विवरण | जानकारी |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना |
लॉन्च की तारीख | 17 सितंबर, 2023 |
लक्षित समूह | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
बजट | 13,000 करोड़ रुपये |
अवधि | 5 साल (वित्तीय वर्ष 2027-28 तक) |
लाभार्थियों की संख्या | लगभग 30 लाख |
शामिल व्यवसाय | 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय |
प्रमुख लाभ | कौशल प्रशिक्षण, टूलकिट, ऋण सहायता |
PM Vishwakarma योजना के उद्देश्य
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना
- कारीगरों की आय में वृद्धि करना
- गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का निर्माण बढ़ाना
- कारीगरों को वैश्विक बाजार से जोड़ना
- युवाओं को पारंपरिक कौशल की ओर आकर्षित करना
Udyam Assist Certificate क्या है?
Udyam Assist Certificate PM Vishwakarma योजना के तहत दिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह प्रमाणपत्र कारीगरों और शिल्पकारों को आधिकारिक मान्यता प्रदान करता है। इस सर्टिफिकेट के साथ, लाभार्थियों को एक विशेष पहचान पत्र भी दिया जाता है।
Udyam Assist Certificate के लाभ
- सरकारी योजनाओं तक पहुंच: इस प्रमाणपत्र के साथ, कारीगर विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
- वित्तीय सहायता: बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त करने में मदद मिलती है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: कौशल विकास और आधुनिक तकनीकों के प्रशिक्षण में प्राथमिकता।
- बाजार तक पहुंच: सरकारी मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेने का अवसर।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पादों को बेचने की सुविधा।
PM Vishwakarma योजना के तहत मिलने वाले लाभ
1. कौशल प्रशिक्षण
- 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण
- 15 दिन या उससे अधिक का विशेष प्रशिक्षण
- प्रति दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड
2. टूलकिट सहायता
- प्रशिक्षण के बाद 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन
- आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय मदद
3. ऋण सहायता
- 3 लाख रुपये तक का सस्ता ऋण
- 5% की रियायती ब्याज दर
- दो किश्तों में ऋण: 1 लाख और 2 लाख रुपये
4. डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन
- प्रति डिजिटल लेनदेन 1 रुपये का प्रोत्साहन
- अधिकतम 100 लेनदेन प्रति माह तक
योजना के लिए पात्रता मानदंड
PM Vishwakarma योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होंगे:
- आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए
- 18 चयनित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न होना चाहिए
- पिछले 5 वर्षों में समान क्रेडिट-आधारित योजनाओं का लाभ न लिया हो
- प्रति परिवार केवल एक सदस्य ही इस योजना का लाभ ले सकता है
- सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य पात्र नहीं हैं
PM Vishwakarma योजना के तहत शामिल व्यवसाय
- बढ़ई
- लोहार
- कुम्हार
- मूर्तिकार
- सोनार
- मोची
- राजमिस्त्री
- टोकरी/चटाई बुनकर
- नाई
- धोबी
- दर्जी
- हथियार निर्माता
- ताला बनाने वाले
- पत्थर तोड़ने वाला
- नाव निर्माता
- माला बनाने वाले
- गुड़िया और खिलौना निर्माता
- मछली पकड़ने वाली जाल बनाने वाले
आवेदन प्रक्रिया
PM Vishwakarma योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- पंजीकरण: आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं और पंजीकरण करें।
- आवेदन फॉर्म भरें: अपने व्यक्तिगत विवरण, व्यवसाय की जानकारी और अन्य आवश्यक डेटा भरें।
- दस्तावेज अपलोड: आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
- आवेदन जमा करें: सभी जानकारी की जांच करें और आवेदन सबमिट करें।
- पावती प्राप्त करें: आवेदन जमा करने के बाद एक पावती या संदर्भ संख्या प्राप्त करें।
आवश्यक दस्तावेज
योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखें:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- व्यवसाय से संबंधित प्रमाण पत्र (यदि कोई हो)
- आय प्रमाण पत्र (वैकल्पिक)
योजना का प्रभाव और महत्व
PM Vishwakarma योजना का देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। यह योजना न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी, बल्कि भारत की समृद्ध कला और शिल्प परंपरा को भी संरक्षित करने में मदद करेगी।
योजना के संभावित लाभ:
- रोजगार सृजन: इस योजना से लाखों कारीगरों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
- आय में वृद्धि: आधुनिक तकनीक और बाजार तक पहुंच से कारीगरों की आय में वृद्धि होगी।
- कौशल उन्नयन: प्रशिक्षण कार्यक्रमों से कारीगरों के कौशल में सुधार होगा।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के अवसर बढ़ेंगे।
- विरासत का संरक्षण: पारंपरिक कलाओं और शिल्पों का संरक्षण होगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि हमने सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, फिर भी सरकारी नीतियों और योजनाओं में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। इसलिए, कृपया किसी भी कार्रवाई करने से पहले आधिकारिक सरकारी स्रोतों से नवीनतम जानकारी की पुष्टि कर लें। PM Vishwakarma योजना और Udyam Assist Certificate के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया नजदीकी सरकारी कार्यालय या आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर संपर्क करें।