बिहार में जमीन जमाबंदी अनलॉक! 9.6 लाख रिकॉर्ड जारी, जानें कैसे होगा आपका काम पूरा! Bihar Jamin Jamabandi Unlock

बिहार सरकार ने हाल ही में जमीन जमाबंदी को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, जो राज्य के लाखों जमीन मालिकों के लिए राहत की खबर है। डिजिटाइजेशन के दौरान हुई त्रुटियों के कारण कई जमाबंदियां लॉक हो गई थीं, जिससे जमीन से जुड़े लेन-देन और दाखिल-खारिज जैसे कार्य रुक गए थे। अब सरकार ने इन समस्याओं को हल करने के लिए जमाबंदी अनलॉक प्रक्रिया शुरू की है। इस फैसले से लगभग 9.65 लाख जमाबंदियों को राहत मिलेगी और जमीन मालिकों का काम आसान होगा।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि जमाबंदी अनलॉक प्रक्रिया क्या है, यह कैसे काम करेगी, और इससे जमीन मालिकों को क्या लाभ होंगे। साथ ही, हम इस प्रक्रिया से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा करेंगे।

जमाबंदी अनलॉक का उद्देश्य और प्रक्रिया

जमाबंदी अनलॉक का मतलब क्या है?

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जमाबंदी का मतलब जमीन के मालिकाना हक का रिकॉर्ड होता है। जब किसी तकनीकी या कानूनी कारण से यह रिकॉर्ड लॉक हो जाता है, तो उस जमीन से जुड़े लेन-देन या दाखिल-खारिज जैसे काम नहीं किए जा सकते। जमाबंदी अनलॉक का मतलब है कि इन रिकॉर्ड्स को फिर से वैध और सक्रिय करना ताकि जमीन मालिक अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • अंचल अधिकारियों (CO) को जमाबंदी अनलॉक करने का अधिकार दिया गया है।
  • पहले यह अधिकार भूमि सुधार उप समाहर्ताओं (DCLR) के पास था, लेकिन काम में देरी के कारण इसे CO को सौंपा गया।
  • जांच के दौरान सरकारी भूमि और रैयती भूमि की पहचान की जाएगी। सरकारी भूमि पर कब्जा पाए जाने पर संबंधित पक्ष को नोटिस दिया जाएगा।

Bihar Jamin Jamabandi Unlock Overview

विषयविवरण
योजना का नामबिहार ज़मीन जमाबंदी अनलॉक प्रक्रिया
किसके लिए लागूसभी जमीन मालिक
मुख्य उद्देश्यलॉक हुई जमाबंदियों को अनलॉक करना
जिम्मेदार विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार
अधिकार किसे दिया गयाअंचल अधिकारी (CO)
प्रभावित जमाबंदियांलगभग 9.65 लाख
लाभार्थीरैयती भूमि के मालिक

जमाबंदी अनलॉक क्यों जरूरी है?

डिजिटाइजेशन में हुई गड़बड़ियां

डिजिटाइजेशन प्रक्रिया के दौरान कई रिकॉर्ड्स में त्रुटियां पाई गईं:

  • नाम, खाता, खेसरा और रकवा में गलत जानकारी।
  • कई रैयतों की जमाबंदियां ऑनलाइन नहीं हो पाईं।
  • कुछ मामलों में गलत तरीके से पंजी-2 में दर्ज कर दिया गया।

10 लाख संदेहास्पद जमाबंदियां

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने बताया कि लगभग 10 लाख जमाबंदियां संदेहास्पद पाई गई थीं। इनकी वैधता की जांच और उन्हें अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

जमाबंदी अनलॉक प्रक्रिया कैसे होगी?

प्रक्रिया के चरण

  1. जांच:
    • अंचल अधिकारी (CO) लॉक हुई जमाबंदियों की जांच करेंगे।
    • सरकारी भूमि पाए जाने पर नोटिस जारी किया जाएगा।
  2. रैयती भूमि की पहचान:
    • जिन जमाबंदियों में कोई विवाद नहीं होगा, उन्हें तुरंत अनलॉक किया जाएगा।
  3. डिजिटल रिकॉर्ड अपडेट:
    • अनलॉक किए गए रिकॉर्ड्स को पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।

जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • जमीन से जुड़े कागजात (खाता, खेसरा नंबर)
  • मोबाइल नंबर

जमाबंदी अनलॉक से होने वाले लाभ

  1. लेन-देन में तेजी:
    • जमीन खरीदने-बेचने और दाखिल-खारिज जैसे कार्य आसान होंगे।
  2. भ्रष्टाचार में कमी:
    • ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
  3. कानूनी विवादों का समाधान:
    • गलत तरीके से लॉक हुई जमाबंदियों को सही किया जाएगा।
  4. डिजिटल पारदर्शिता:
    • सभी रिकॉर्ड्स ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, जिससे ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी।

आधार लिंकिंग और डिजिटल सुधार

बिहार सरकार ने सभी जमीन मालिकों को अपनी जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करने का निर्देश दिया है। यह कदम फर्जीवाड़े को रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है।

आधार लिंकिंग प्रक्रिया

  1. नजदीकी अंचल कार्यालय जाएं।
  2. आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज जमा करें।
  3. अधिकारी दस्तावेजों की जांच के बाद लिंकिंग पूरी करेंगे।

चुनौतियां और समाधान

चुनौतियां

  1. ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की कमी।
  2. डिजिटल साक्षरता की कमी।
  3. पोर्टल पर तकनीकी समस्याएं।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • स्थानीय स्तर पर सहायता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
  • लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।

महत्वपूर्ण बिंदु

  1. जिनकी जमीन सरकारी पाई जाएगी, उनकी जमाबंदी रद्द कर दी जाएगी।
  2. रैयती भूमि के मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई होगी।
  3. डिजिटाइजेशन प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

निष्कर्ष

बिहार सरकार का यह कदम राज्य के लाखों जमीन मालिकों के लिए राहत लेकर आया है। डिजिटाइजेशन की त्रुटियों को ठीक करके सरकार ने पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। हालांकि ग्रामीण इलाकों में कुछ चुनौतियां हैं, लेकिन सरकार इन्हें हल करने के लिए प्रयासरत है।

Disclaimer: यह लेख उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। कृपया अधिक जानकारी के लिए संबंधित विभाग या पोर्टल से संपर्क करें।

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