Bank License Cancelled: RBI ने बैंक का लाइसेंस कर दिया कैंसिल, खाताधारकों का क्या होगा? 

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Bank License Cancelled: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में विजयवाड़ा स्थित दुर्गा सहकारी शहरी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह फैसला बैंक की खराब वित्तीय स्थिति और नियमों का पालन न करने के कारण लिया गया है। इस कदम से बैंक के खाताधारकों में चिंता और अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है।

इस लेख में हम इस घटना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और समझेंगे कि इसका खाताधारकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि RBI ने यह कदम क्यों उठाया और आगे क्या होगा।

RBI द्वारा बैंक लाइसेंस रद्द करने का कारण

RBI ने दुर्गा सहकारी शहरी बैंक का लाइसेंस निम्नलिखित कारणों से रद्द किया है:

  1. पर्याप्त पूंजी का अभाव: बैंक के पास अपने संचालन के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं थी।
  2. कमाई की संभावनाओं का अभाव: बैंक की भविष्य में लाभ कमाने की संभावनाएं बहुत कम थीं।
  3. बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन: बैंक ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के नियमों का पालन नहीं किया।
  4. जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक: बैंक का संचालन जारी रखना जमाकर्ताओं के हितों के लिए नुकसानदायक था।
  5. जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थता: बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति में जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ था।

दुर्गा सहकारी शहरी बैंक का संक्षिप्त विवरण

विवरणजानकारी
बैंक का नामदुर्गा सहकारी शहरी बैंक
स्थापना वर्ष1926
मुख्यालयविजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश
लाइसेंस रद्द करने की तिथि12 नवंबर, 2024
कुल जमा राशिलगभग 200 करोड़ रुपये
बीमाकृत जमाकर्ताओं का प्रतिशत95.8%
अधिकतम बीमा कवरेज5 लाख रुपये प्रति खाता
नियामक संस्थाभारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)

खाताधारकों पर प्रभाव

बैंक के लाइसेंस रद्द होने का खाताधारकों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं:

  1. बैंकिंग सेवाओं का बंद होना: 12 नवंबर, 2024 से बैंक की सभी बैंकिंग सेवाएं बंद हो गई हैं।
  2. जमा राशि पर प्रभाव: खाताधारकों की जमा राशि अब बैंक में फंस गई है।
  3. बीमा कवरेज: DICGC द्वारा प्रति खाता अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा।
  4. 95.8% जमाकर्ताओं को पूरी राशि मिलेगी: RBI के अनुसार, 95.8% जमाकर्ता DICGC से अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
  5. 5 लाख से अधिक जमा वाले खाताधारक: जिन खाताधारकों की जमा राशि 5 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें अतिरिक्त राशि के लिए बैंक के परिसमापन की प्रक्रिया का इंतजार करना होगा।

DICGC द्वारा बीमा भुगतान प्रक्रिया

DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) जमाकर्ताओं को बीमा राशि का भुगतान करेगा। यह प्रक्रिया निम्नानुसार होगी:

  1. दावा जमा करना: खाताधारकों को DICGC के पास अपना दावा जमा करना होगा।
  2. दस्तावेज सत्यापन: DICGC दावों और संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन करेगा।
  3. भुगतान प्रक्रिया: सत्यापन के बाद, DICGC अधिकतम 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि का भुगतान करेगा।
  4. समय सीमा: आमतौर पर, यह प्रक्रिया 90 दिनों के भीतर पूरी हो जाती है।
  5. भुगतान का माध्यम: भुगतान सीधे खाताधारकों के बैंक खातों में किया जाएगा।

बैंक के परिसमापन की प्रक्रिया

RBI ने आंध्र प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक के परिसमापन के लिए आदेश जारी करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का अनुरोध किया है। परिसमापन प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होंगे:

  1. परिसमापक की नियुक्ति: एक परिसमापक नियुक्त किया जाएगा जो बैंक की संपत्तियों और देनदारियों का प्रबंधन करेगा।
  2. संपत्तियों का मूल्यांकन: बैंक की सभी संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
  3. देनदारियों का निपटान: बैंक की देनदारियों का निपटान किया जाएगा।
  4. शेष राशि का वितरण: यदि कोई शेष राशि बचती है, तो उसे जमाकर्ताओं और अन्य हितधारकों के बीच वितरित किया जाएगा।
  5. अंतिम रिपोर्ट: परिसमापक एक अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगा और बैंक को बंद करने की घोषणा करेगा।

खाताधारकों के लिए सुझाव

यदि आप दुर्गा सहकारी शहरी बैंक के खाताधारक हैं, तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  1. शांत रहें: घबराएं नहीं और धैर्य रखें।
  2. आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान दें: RBI और DICGC की आधिकारिक सूचनाओं को ध्यान से पढ़ें और उनका पालन करें।
  3. दस्तावेज तैयार रखें: अपने बैंक खाते से संबंधित सभी दस्तावेज तैयार रखें।
  4. DICGC से संपर्क करें: बीमा दावे के लिए DICGC से संपर्क करें और आवश्यक प्रक्रिया का पालन करें।
  5. वैकल्पिक वित्तीय व्यवस्था करें: अपनी तत्काल वित्तीय जरूरतों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें।
  6. कानूनी सलाह लें: यदि आपकी जमा राशि 5 लाख रुपये से अधिक है, तो कानूनी सलाह लेने पर विचार करें।

RBI द्वारा उठाए गए कदम

RBI ने इस स्थिति से निपटने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

  1. लाइसेंस रद्द करना: बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
  2. बैंकिंग गतिविधियों पर रोक: बैंक को तत्काल प्रभाव से सभी बैंकिंग गतिविधियाँ बंद करने का निर्देश दिया गया है।
  3. परिसमापन प्रक्रिया शुरू करना: राज्य सरकार से बैंक के परिसमापन की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया गया है।
  4. DICGC को सूचित करना: जमाकर्ताओं के बीमा दावों के निपटान के लिए DICGC को सूचित किया गया है।
  5. जनता को सूचित करना: RBI ने इस कार्रवाई के बारे में जनता को सूचित किया है और खाताधारकों को मार्गदर्शन प्रदान किया है।

बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव

दुर्गा सहकारी शहरी बैंक के लाइसेंस रद्द होने का बैंकिंग क्षेत्र पर भी प्रभाव पड़ेगा:

  1. सहकारी बैंकों पर नियामक दबाव: अन्य सहकारी बैंकों पर नियामक निरीक्षण और अनुपालन का दबाव बढ़ेगा।
  2. जमाकर्ताओं का विश्वास: छोटे और सहकारी बैंकों में जमाकर्ताओं का विश्वास कम हो सकता है।
  3. बैंकिंग सुधार: इस घटना से बैंकिंग क्षेत्र में और अधिक सुधारों की मांग बढ़ सकती है।
  4. विलय और अधिग्रहण: कमजोर बैंकों के विलय या अधिग्रहण की संभावना बढ़ सकती है।
  5. डिजिटल बैंकिंग का महत्व: सुरक्षित और पारदर्शी डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का महत्व बढ़ेगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी सामान्य प्रकृति की है और इसे कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। हालांकि इस लेख में दी गई जानकारी सही है, लेकिन परिस्थितियाँ बदल सकती हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार या बैंक से परामर्श लें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान या क्षति के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

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