दिवाली पर आंगनवाड़ी कर्मचारियों को क्यों नहीं मिला बोनस और मानदेय? पूरी खबर जानें Anganwadi News Today

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Anganwadi News Today: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हमारे समाज की रीढ़ हैं। वे गांवों और शहरों में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करती हैं। लेकिन इस दिवाली, कई राज्यों में आंगनवाड़ी बहनों को उनका बोनस और मानदेय नहीं मिला है। यह खबर बहुत दुखद है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को हर महीने एक निश्चित राशि मिलनी चाहिए। इसके अलावा, त्योहारों पर उन्हें बोनस भी दिया जाता है। लेकिन इस बार, कई राज्यों में यह राशि समय पर नहीं दी गई है। इससे आंगनवाड़ी बहनों और उनके परिवारों को बहुत परेशानी हुई है।

आंगनवाड़ी योजना का परिचय

आंगनवाड़ी योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसकी शुरुआत 1975 में हुई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब बच्चों और महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं देना है। आंगनवाड़ी केंद्रों में 0-6 साल के बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को भी यहां से मदद मिलती है।

आंगनवाड़ी योजना की मुख्य जानकारी:

विवरणजानकारी
योजना का नामआंगनवाड़ी योजना
शुरू होने का वर्ष1975
लक्षित समूह0-6 साल के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं
सेवाएंपोषण आहार, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, प्री-स्कूल शिक्षा
कार्यकर्ताआंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका
केंद्रगांव या मोहल्ले में स्थित आंगनवाड़ी केंद्र
निगरानीमहिला एवं बाल विकास मंत्रालय
फंडिंगकेंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका और जिम्मेदारियां

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस योजना की आधारशिला हैं। वे समुदाय में रहकर लोगों की मदद करती हैं। उनकी मुख्य जिम्मेदारियां हैं:

  • बच्चों को पोषण आहार देना
  • गर्भवती महिलाओं की देखभाल करना
  • बच्चों का वजन और विकास रिकॉर्ड रखना
  • टीकाकरण में मदद करना
  • प्री-स्कूल शिक्षा देना
  • समुदाय में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत करती हैं। वे गांव-गांव जाकर लोगों की मदद करती हैं। उनका काम बहुत महत्वपूर्ण है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन और भत्ते

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय के रूप में वेतन मिलता है। यह राशि राज्य के हिसाब से अलग-अलग होती है। कुछ राज्यों में यह राशि बहुत कम है, जबकि कुछ में ज्यादा है। आम तौर पर, एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 4,500 से 10,000 रुपये तक मिलते हैं।

इसके अलावा, उन्हें कुछ भत्ते भी मिलते हैं:

  • यात्रा भत्ता
  • मोबाइल रिचार्ज के लिए पैसे
  • यूनिफॉर्म भत्ता
  • त्योहार बोनस

लेकिन कई बार, यह पैसा समय पर नहीं मिलता है। इससे कार्यकर्ताओं को बहुत परेशानी होती है।

दिवाली बोनस और मानदेय न मिलने की समस्या

इस साल दिवाली पर कई राज्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनका बोनस और मानदेय नहीं मिला है। यह बहुत गंभीर समस्या है। इससे उनके परिवार को त्योहार मनाने में दिक्कत हुई है।

इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं:

  • सरकारी बजट में देरी
  • प्रशासनिक लापरवाही
  • बैंकिंग सिस्टम में समस्या
  • कोरोना महामारी के कारण आर्थिक तंगी

कई राज्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन भी किया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनका पैसा जल्द से जल्द दिया जाए।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगें

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की कुछ प्रमुख मांगें हैं:

  1. समय पर वेतन: उनका मानदेय हर महीने की 5 तारीख तक मिलना चाहिए।
  2. वेतन बढ़ाना: उनका वेतन बढ़ाकर कम से कम 15,000 रुपये प्रति माह किया जाए।
  3. सरकारी कर्मचारी का दर्जा: उन्हें नियमित सरकारी कर्मचारी माना जाए।
  4. पेंशन की सुविधा: रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन मिलनी चाहिए।
  5. बीमा कवर: उनका स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा होना चाहिए।
  6. बेहतर काम के हालात: उन्हें अच्छी सुविधाओं वाले आंगनवाड़ी केंद्र मिलने चाहिए।

सरकार की प्रतिक्रिया और कदम

कई राज्य सरकारों ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया है। उन्होंने वादा किया है कि जल्द ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनका बकाया पैसा दे दिया जाएगा। कुछ राज्यों ने इस दिशा में कदम भी उठाए हैं:

  • महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह जल्द ही बकाया राशि जारी करेगी।
  • उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है।
  • राजस्थान में एक कमेटी बनाई गई है जो इस मुद्दे पर काम करेगी।

लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को हल करने के लिए कुछ सुझाव हैं:

  1. डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर: उनका पैसा सीधे उनके बैंक खाते में जाना चाहिए।
  2. ऑनलाइन पोर्टल: एक ऐसा पोर्टल होना चाहिए जहां वे अपनी शिकायत दर्ज करा सकें।
  3. प्रशिक्षण: उन्हें नियमित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे अपना काम बेहतर कर सकें।
  4. सामाजिक सुरक्षा: उन्हें पेंशन, बीमा जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
  5. कार्य स्थिति में सुधार: आंगनवाड़ी केंद्रों में बेहतर सुविधाएं होनी चाहिए।
  6. समुदाय का समर्थन: लोगों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के महत्व के बारे में बताया जाना चाहिए।

आंगनवाड़ी योजना का भविष्य

आंगनवाड़ी योजना भारत के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसे और मजबूत बनाने की जरूरत है। कुछ सुझाव हैं:

  • डिजिटल तकनीक का उपयोग: आंगनवाड़ी केंद्रों में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए।
  • पोषण आहार में सुधार: बच्चों को और बेहतर क्वालिटी का खाना मिलना चाहिए।
  • स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: आंगनवाड़ी केंद्रों में और ज्यादा स्वास्थ्य सेवाएं दी जानी चाहिए।
  • शिक्षा पर जोर: प्री-स्कूल शिक्षा को और बेहतर बनाया जाना चाहिए।
  • कार्यकर्ताओं का सशक्तिकरण: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को और ज्यादा अधिकार दिए जाने चाहिए।

निष्कर्ष

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हमारे समाज की हीरो हैं। वे बहुत कम पैसे में बहुत बड़ा काम करती हैं। उनका बोनस और मानदेय न मिलना बहुत दुखद है। सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

हमें उम्मीद करनी चाहिए कि जल्द ही यह समस्या हल हो जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनका हक मिलेगा और वे फिर से मुस्कुराते हुए अपना काम करेंगी। क्योंकि जब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता खुश होंगी, तभी हमारा समाज खुशहाल होगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। इसमें दी गई जानकारी अलग-अलग राज्यों में अलग हो सकती है। कृपया सही और अप-टू-डेट जानकारी के लिए अपने स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र या सरकारी कार्यालय से संपर्क करें। यह समस्या वास्तविक है और कई राज्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने वेतन और बोनस के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हालांकि, स्थिति हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है। कुछ राज्यों ने इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाए हैं, जबकि अन्य में अभी भी काम चल रहा है।

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